यूजीसी कमेटी की सिफारिश : परीक्षा का समय 3 की जगह 2 घंटे रखें
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा गठित कमेटी ने कॉलेजों में परीक्षा का समय घटाने की सिफारिश की है।
नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा गठित कमेटी ने कॉलेजों में परीक्षा का समय घटाने की सिफारिश की है। यूजीसी को भेजी गई सिफारिश में कहा गया है कि परीक्षा का समय घटाकर तीन घंटे की जगह दो घंटे कर देना चाहिए। यूजीसी ने विश्वविद्यालयों में नया सत्र कब और कैसे शुरू किया जाए, इसके लिए एक विशेष कमेटी गठित की थी। यूजीसी द्वारा गठित इस सात सदस्यीय समिति ने परीक्षा से जुड़े मुद्दों और अकादमिक कैलेंडर को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश की है।
यूजीसी की इस कमेटी के अध्यक्ष हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति आर. सी. कुहाड़ हैं। सदस्यों में इंटर-यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर के निदेशक ए.सी. पांडेय, वनस्थली विद्यापीठ के कुलपति आदित्य शास्त्री और पंजाब विश्वविद्यालय के प्रमुख राज कुमार शामिल हैं।
यूजीसी द्वारा गठित इस विशेष कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "वार्षिक परीक्षा 50 फीसदी अंकों की होनी चाहिए, जबकि अन्य 50 फीसदी अंक पूर्व में आयोजित सेमेस्टर परीक्षा के प्रदर्शन पर आधारित किए जाएं। इसके अलावा, अकादमिक सत्र 2020-21 में 40 फीसदी पाठ्यक्रम ऑनलाइन माध्यम से करवाएं जा सकते हैं।"
रिपोर्ट के मुताबिक, 16 मई से 31 मई तक ऑनलाइन मोड से प्रोजेक्ट वर्क, इंटरनल असेस्मेंट, पाठ्यक्रम पूरा करना, इंटर्नशिप रिपोर्ट व प्लेसमेंट ड्राइव का काम हो जाना चाहिए, जबकि एक जून से 30 जून तक गर्मियों की छुट्टियां रहेंगी।
कहा गया है कि सभी विश्वविद्यालय इस नए अकादमिक सत्र के लिए एक अगस्त से लेकर 31 अगस्त तक दाखिला प्रक्रिया पूरी कर लें। 30 सितंबर तक प्रवेश परीक्षा से विभिन्न डिग्री प्रोग्राम में दाखिले से संबंधित सभी दस्तावेजों की जांच कर सीट आवंटित कर दी जाए।
यूजीसी की एक विशेष कमेटी ने एमफिल और पीएचडी के छात्रों को विशेष राहत दी है। कमेटी ने यूजीसी को भेजी अपनी सिफारिश में कहा है कि एमफिल और पीएचडी करने वालों को थीसिस जमा करने के लिए तय आखिरी तारीख से और 6 माह ज्यादा समय दिया जाए।