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अदालत ने DU से पूछा, जानकारी छुपाने के मामले में उसके खिलाफ क्यों ना हो अवमानना की कार्यवही

दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली विश्वविद्यालय से कहा कि अदालत को बताए बिना ‘ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा’ स्थगित करने के मामले में उसके और उसके अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जाए।

<p>DU</p>- India TV Hindi Image Source : FILE DU

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली विश्वविद्यालय से कहा कि अदालत को बताए बिना ‘ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा’ स्थगित करने के मामले में उसके और उसके अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जाए। विश्वविद्यालय ने एक जुलाई को शुरू होने वाली इन परीक्षाओं को 10 दिन के लिए स्थगित कर दिया है। न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने विश्वविद्यालय से पूछा कि उसे 26 जून को सुनवाई के दौरान परीक्षा स्थगित करने की जानकारी क्यों नहीं दी गई।

पीठ ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के बयान के आधार पर जब हम 27 जून को परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज करने वाले थे तब उन्हें खबरों के जरिए परीक्षा स्थगित किए जाने की जानकारी मिली। दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने बयान में कहा था कि वह एक जुलाई से परीक्षा कराने को पूरी तरह तैयार है। अदालत ने कहा कि जब दिल्ली विश्वविद्यालय ने कहा था कि वह एक जुलाई से परीक्षा कराने को पूरी तरह तैयार है, तो इसमें कोई भी बदलाव किए जाने की जानकारी पीठ को दी जानी चाहिए थी।

विश्वविद्यालय ने अपने बचाव में कहा कि 26 जून को दोपहर करीब दो बजकर 20 मिनट पर उसे पता चला कि उसके डिप्टी रजिस्ट्रार (गोपनीयता) की मां कोविड-19 से संक्रमित हैं तथा उनके पूरे परिवार को अब पृथक-वास में रहना होगा, इसी कारण परीक्षाएं स्थगित करने का निर्णय लिया गया। पीठ ने बचाव पक्ष की दलील खारिज करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय साढ़े चार बजे तक काम करता है और इसकी जानकारी उसे उसी दिन दी जा सकती थी।

उसने कहा, ‘‘ अगर प्रतिवादी संख्या चार (दिल्ली विश्वविद्यालय) की दलील सही है कि उसके डिप्टी रजिस्ट्रार (गोपनीयता) के परिवार के एक सदस्य को कोविड-19 हुआ है और मामले के निपटान के बाद उसे (विश्वविद्यालय को) यह जानकारी मिली कि उसके (डिप्टी रजिस्टार के) पूरे परिवार को पृथक होना है, तब भी उसके पास उसी दिन या अगली सुबह अदालत को यह जानकारी देने के लिए काफी समय था।’’ अदालत ने कहा, हालांकि ‘‘ऐसा नहीं हुआ।’’

अदालत ने कहा, ‘‘ इस अवमानना के मद्देनजर, प्रथम दृष्टया हमारा यह मानना है कि अदालत को जानकारी ना देने और अदालत को गुमराह करने के मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय और उसके अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जानी चाहिए।’’ उसने दिल्ली विश्वविद्यालय के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए उससे पूछा कि उसके खिलाफ अदालत अवमानना की कार्यवाही क्यों शुरू नहीं की जाए। मामले की अगली सुनवाई अब छह जुलाई को होगी।

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