CBSE की 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाएं होंगी या नहीं? सुप्रीम कोर्ट में दो बजे होगी सुनवाई
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की 10वीं और 12वीं कक्षा की बची हुई परीक्षाएं होंगी या नहीं होंगी? CBSE बोर्ड के तहत 10वीं और 12वीं की परीक्षा देने वाले छात्रों और उनके अभिभावकों के सामने अभी भी यह बड़ा सवाल बना हुआ है
CBSE Board Exam July 2020: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की 10वीं और 12वीं कक्षा की बची हुई परीक्षाएं होंगी या नहीं होंगी? CBSE बोर्ड के तहत 10वीं और 12वीं की परीक्षा देने वाले छात्रों और उनके अभिभावकों के सामने अभी भी यह बड़ा सवाल बना हुआ है और इस सवाल का जवाब आज मिलने की संभावना है। आज सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई है और सुप्रीम कोर्ट फैसला देगा कि बची हुई परीक्षाएं रद्द होंगी या पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत पहली जुलाई से करवाई जाएंगी। आज सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर दोपहर 2 बजे सुनवाई है।
कोरोना वायरस को देखते हुए CBSE की 10वीं और 12वीं कक्षा के कुछ बच्चों के माता पिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है और 10वीं तथा 12वीं कक्षा के बचे हुई परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की है। बच्चों के माता पिता के अलावा महाराष्ट्र, दिल्ली और ओडिसा ने भी एचआरडी मंत्रालय को बची हुई परीक्षाओं को रद्द करने के लिए लिखा है।आज से कर्नाटक बोर्ड की बची हुई 10वीं की परीक्षाएं भी शुरू हो चुकी हैं, ऐसे में देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट CBSE की बची हुई 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाओं को लेकर क्या फैसला लेता है।
एचआरडी मंत्रालय ने CBSE की बची हुई 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाओं को पहली जुलाई से 15 जुलाई के बीच कराने की व्यवस्था की हुई है। लेकिन एचआरडी मंत्रालय के इस कदम के बाद कई राज्यों और कुछ बच्चों के माता पिता ने बची हुई परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की है और बच्चों के माता पिता ने सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर याचिका दाखिल की हुई है। CBSE की बची हुई 10वीं और 12वीं की परीक्षा अगर रद्द नहीं होती है तो 10 लाख से ज्यादा बच्चों को परीक्षा में बैठना पड़ेगा और ऐसे में बच्चों के माता पिता को डर सता रहा है कि कहीं कोरोना वायरस का संक्रमण ने फैले। इसी डर की वजह से उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की हुई है।
बोर्ड वैकल्पिक व्यवस्था अपना सकता है
अगर परीक्षाएं रद्द की जाती है तो बोर्ड छात्रों को एक स्पेशल मार्किंग स्कीम के आधार पर पास कर सकता है। हालांकि, अपने प्रदर्शन में सुधार के लिए छात्र बाद में परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए 1 जुलाई से 15 जुलाई तक सीबीएसई की परीक्षा कराना करना संभव नहीं है। आगे किसी तरह की देरी स्टूडेंट्स को उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश लेने में बाधा डाल सकती है। कुल 29 विषयों की परीक्षा होनी है। इनमें से 6 विषय की परीक्षा उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 10वीं क्लास के छात्रों के लिए होनी है। इन्हें दिल्ली में हुए दंगे की वजह से टाला गया था। देशभर में 12वीं के 12 विषयों की परीक्षा होनी है। वहीं, उत्तर पूर्वी दिल्ली में इन 12 के अलावा 11 और मुख्य विषयों की परीक्षा होनी है।