नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में छात्रों को परीक्षा से जुड़े तनावों से मुक्ति के उपाय बताए। ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के दौरान उन्होंने स्टेडियम में मौजूद छात्रों के अलावा टीवी के जरिए जुड़े छात्रों के लाइव सवालों के भी जवाब दिए। PM ने अपने कार्यक्रम के दौरान छात्रों को बताया कि कैसे परीक्षा के तनाव को दूर किया जाए, कैसे आत्मविश्वास बढ़ाएं और कैसे एकाग्र होकर पढ़ाई की जाए। कार्यक्रम के दौरान इंडिया टीवी के माध्यम से एक छात्र गौरव सिंह ने भी एक सवाल पूछा।
गौरव सिंह ने इंडिया टीवी के माध्यम से PM मोदी से सवाल पूछा कि आज की तारीख में तमाम क्षेत्रों में करियर की संभावनाएं हैं, ऐसे में किन बातों को ध्यान में रखकर अपना करियर चुनना चाहिए? PM मोदी ने इस सवाल के जवाब में कहा कि व्यक्ति को हमेशा कुछ करने का नहीं बल्कि कुछ बनने का सपना देखना चाहिए। PM ने कहा, ‘इसका जवाब बहुत ही कम शब्दों में दूंगा। ये सारी समस्या की जड़ क्या है? इसकी जड़ है कि आप कुछ बनना चाहते हैं। एक बार मन में तय कर लीजिए कि मैं जिंदगी में कुछ करना चाहता हूं। जब तक बनना चाहता हूं आप सोचते हैं, आप अपनी स्वतंत्रता को खो देते हैं। आप अपनी स्वतंत्रता को एक प्रकार से समर्पित कर देते हैं। इस तरह आप उस एक चीज को पाने के लिए गुलाम बन जाते हैं, और इसलिए आपकी सारी जिंदगी सिकुड़ती चली जाती है।’
PM ने कहा कि जिंदगी में बनने के सपने निराशा की गारंटी हैं। उन्होंने कहा कि यदि आपने सोचा कि मैं डॉक्टर बनूंगा और इंजीनियर बन गए तो समाज में प्रतिष्ठा होने के बावजूद घर आने के बाद आप अपने डॉक्टर बनने के सपने के बारे में सोचते रहते हैं और यही रोना रोते रहते हैं कि मुझे तो डॉक्टर बनना था। उन्होंने कहा, ‘इसलिए मेरा आग्रह रहेगा कि आप कुछ करने का सपना देखिए। आप जब कुछ करने का सपना देखते हैं तो उसमें आपको सैटिसफैक्शन मिलता है। नया करने का इरादा पैदा होता है। नया करने का संकल्प बन जाता है। और इस तरह आप अपना काम करते चलते हैं और बनते चलते हैं।’ PM ने कहा कि अपना काम करते-करते यदि व्यक्ति कुछ बनता है तो उसका सैटिसफैक्शन लेवल और उसकी ताकत अलग ही होती है। उन्होंने कहा कि इसलिए आप मन में कुछ करने का इरादा रखिए और स्वतंत्रता को एंजॉय कीजिए, वह आपको एक नई ताकत देगी।
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