नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के 170 से अधिक शिक्षकों ने कुलपति योगेश त्यागी से ‘‘ऑनलाइन ओपन-बुक’’ परीक्षा आयोजित नहीं करने का आग्रह करते हुए कहा है कि "मौजूदा स्थिति में यह सबसे कम वांछनीय है" और इसमें परीक्षा प्रक्रिया की पवित्रता से समझौता करने का भी जोखिम है। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने कहा है कि अगर कोरोना वायरस की स्थिति में सुधार नहीं होता है तो वह छात्रों के लिए ‘‘ऑनलाइन ओपन-बुक’’ परीक्षा आयोजित करेगा।
छात्रों और शिक्षकों के एक वर्ग ने इसका विरोध किया है। कुछ शिक्षकों और छात्रों ने इस कदम के खिलाफ बुधवार को ऑनलाइन अभियान शुरू किया। हालांकि, कुलपति को लिखे अपने पत्र में शिक्षकों ने विकल्प सुझाते हुए कहा कि अंतिम सेमेस्टर के छात्रों को इस सेमेस्टर के लिए आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर उत्तीर्ण किया जाए और इस सेमेस्टर के पेपर के लिए कोई ग्रेड नहीं दिया जाए। पत्र में कहा गया है, ‘‘ इस प्रकार छात्रों का समग्र ग्रेड अंतिम सेमेस्टर तक प्राप्त ग्रेड होना चाहिए ..
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अमेरिका में कई विश्वविद्यालय यह या इसी तरह की पद्धति का पालन कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि कई छात्र लॉकडाउन के कारण उचित अध्ययन सामग्री के बिना ही वापस घर चले गए हैं और उनमें से कई तंग जगहों पर रहते हैं तथा संभव है कि उनकी घरेलू स्थिति उनके परीक्षा में शामिल होने के लिए अनुकूल नहीं हो। भाषा अविनाश उमा उमा 2105 2238 दिल्ली नननन
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