बोर्ड की बाकी परीक्षाएं रद्द, दिल्ली, मुंबई में स्कूल नहीं हैं उपलब्ध
देश के कई शहरों में 10वीं एवं 12वीं कक्षा की शेष रह गई बोर्ड परीक्षाएं करवाने के लिए स्कूल ही उपलब्ध नहीं हैं।
नई दिल्ली। देश के कई शहरों में 10वीं एवं 12वीं कक्षा की शेष रह गई बोर्ड परीक्षाएं करवाने के लिए स्कूल ही उपलब्ध नहीं हैं। इन शहरों में दिल्ली भी शामिल है। दिल्ली के अलावा मुंबई एवं चेन्नई का भी यही हाल है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 10वीं एवं 12वीं कक्षा की शेष रह गई बोर्ड परीक्षाएं अब रद्द कर दी है। इसे लेकर आधिकारिक अधिसूचना शुक्रवार को जारी की जाएगी। ये परीक्षाएं 1 से 15 जुलाई के बीच आयोजित की जानी थीं। दिल्ली, महाराष्ट्र और तमिलनाडु समेत कई राज्य इन परीक्षाओं के लिए तैयार नहीं थे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए भी परीक्षाएं रद्द करने का निर्णय लिया गया है।
बोर्ड परीक्षाओं के विषय पर दिल्ली सरकार ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय से कहा था, दिल्ली के 251 सरकारी स्कूलों में राशन बांटने का काम किया जा रहा है। कोरोना रोगियों के लिए अतिरिक्त बेड की जरूरतें पूरी करने हेतु दिल्ली सरकार 242 स्कूलों का इस्तेमाल करने की योजना बना रही है। 33 स्कूलों में लोगों को खाना खिलाया जा रहा है, 39 स्कूल शेल्टर होम, 10 ट्रांजिट माइग्रेंट कैंप और 10 स्कूल क्वारंटीन सेंटर के तौर पर इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
दिल्ली में 266 कंटेनमेंट जोन हैं, जो आगे और बढ़ सकते हैं। फिलहाल दिल्ली के इन 266 कंटेनमेंट जोन के आसपास करीब एक हजार स्कूल हैं, जिनका इस्तेमाल बोर्ड परीक्षाओं के लिए नहीं हो सकता था। स्वयं सीबीएसई के मुताबिक, कंटेनमेंट जोन के स्कूलों में परीक्षाएं नहीं होंगी।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के विषय में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को एक पत्र भी लिखा था। मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार से कहा, कोरोनावायरस के कारण उत्पन्न हुई परिस्थितियों में बोर्ड परीक्षाएं कराना बहुत कठिन है। मौजूदा हालात को देखते हुए ये बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर देनी चाहिए। प्री बोर्ड अथवा आंतरिक परीक्षाओं के आधार पर 10वीं एवं 12वीं कक्षाओं के छात्रों के नतीजे घोषित कर देने चाहिए।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक, दिल्ली की ही तरह महाराष्ट्र और तमिलनाडु ने भी फिलहाल बोर्ड परीक्षाएं कराने में असमर्थता जाहिर की थी।गौरतलब है कि मुंबई समेत महाराष्ट्र में कोरोना के लगभग 4000 मामले रोज सामने आ रहे हैं। इसी तरह तमिलनाडु में भी बड़ी संख्या में प्रतिदिन कोरोना संक्रमित रोगी मिल रहे हैं। रोगियों की देखरेख के लिए इन दोनों ही राज्यों में सैकड़ों स्कूलों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
सिसोदिया ने कहा, पिछले एक सप्ताह से प्रतिदिन कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 31 जुलाई तक 5.5 लाख लोगों के कोरोनावायरस से ग्रस्त होने की आशंका है। ऐसे में कोई छात्र या उसके परिजन कोरोना पॉजिटिव हुए तो वह छात्र भी परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेगा।