नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया कि उसने स्नातक पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष की 10 जुलाई से निर्धारित ओपन बुक इग्जामिनेशंस (ओबीई) को अगले महीने के लिए टालने का निर्णय किया है। डीयू ने न्यायमूर्ति प्रतिभा एम.सिंह के समक्ष कहा कि वह परीक्षाएं 15 अगस्त के बाद लेगा। अदालत ने वीडियो कान्फ्रेंस के जरिये मामले की सुनवाई की। अदालत ने विश्वविद्यालय के निर्णय पर अप्रसन्नता जतायी और कहा, ‘‘देखिये आप बच्चों के जीवन से कैसे खेल रहे हैं।’’ न्यायमूर्ति सिंह ने डीयू के अधिवक्ता से कहा, ‘‘आप आनलाइन परीक्षा कराने के संबंध में अपनी तैयारियों को लेकर ईमानदार नहीं थे।
आप कह रहे थे कि आप तैयार हैं लेकिन आपकी बैठक का विवरण यह दिखाता है कि इसका उलटा था।’’ डीयू के लिए पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सचिन दत्त और अधिवक्ता मोहिंदर रूपल ने कहा कि विश्वविद्यालय ने परीक्षा 10 जुलाई से टालने का निर्णय किया है। अदालत मामले पर सुनवायी अपराह्न ढाई बजे फिर से शुरू करेगी। उच्च न्यायालय डीयू के अंतिम वर्ष के कई छात्रों की ओर से दायर एक अर्जी पर सुनवायी कर रहा था जिसमें स्नातक और स्नातकोत्तर आनलाइन परीक्षाओं को लेकर 14 मई, 30 मई और 27 जून की अधिसूचनाओं को रद्द करने और वापस लेने का अनुरोध किया गया था।
इन परीक्षाओं में स्कूल आफ ओपन लर्निंग और नॉन-कॉलेजिएट वूमेन एजुकेशन बोर्ड की परीक्षाएं शामिल थीं। एक वैकल्पिक अनुरोध के तौर पर इसमें डीयू को यह निर्देश देने का आग्रह किया गया कि वह अंतिम वर्ष के छात्रों का मूल्यांकन पूर्ववर्ती वर्ष या सेमेस्टर के परिणामों के आधार पर करे, वैसे ही जैसे विश्वविद्यालय ने प्रथम वर्ष या द्वितीय वर्ष छात्रों को प्रोन्नत करने की योजना बनायी है।
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