CBSE Pending Exam: 12वीं और 10वीं के बचे पेपर हों या नहीं? बोर्ड एग्जाम पर आज अंतिम फैसला करेगा CBSE
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई बोर्ड) आज लंबित सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2020 को रद्द करने पर अपना अंतिम निर्णय देने के लिए तैयार है।
CBSE Board Exam: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई बोर्ड) आज लंबित सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2020 को रद्द करने पर अपना अंतिम निर्णय देने के लिए तैयार है। CBSE बोर्ड के करीबी सूत्रों ने कहा है कि CBSE बोर्ड कक्षा 10 और CBSE बोर्ड कक्षा 12 परीक्षाओं को रद्द करने के बारे में अंतिम निर्णय सर्वोच्च न्यायालय को सुनवाई के लिए दिया जाएगा। लाखों छात्र, जो CBSE बोर्ड परीक्षा 2020 के लिए उपस्थित हुए थे, CBSE बोर्ड की लंबित परीक्षाओं पर CBSE बोर्ड के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
कोरोनावायरस के प्रकोप और देशव्यापी लॉकडाउन के कारण, सीबीएसई को कुछ विषयों की परीक्षा स्थगित करनी पड़ी। कोरोनोवायरस के मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर, CBSE बोर्ड से जुड़े छात्र और उनके माता-पिता ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि CBSE बोर्ड कक्षा 10 और CBSE बोर्ड की लंबित 12 परीक्षाओं को रद्द कर दिया जाए। सीबीएसई बोर्ड के अधिकारियों ने पहले से ही लंबित सीबीएसई बोर्ड परीक्षा को रद्द करने के संबंध में मानव संसाधन विकास मंत्रालय और अन्य शैक्षणिक विशेषज्ञों के साथ बैठक की थी।
कोरोना वायरस को देखते हुए CBSE की 10वीं और 12वीं कक्षा के कुछ बच्चों के माता पिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है और 10वीं तथा 12वीं कक्षा के बचे हुई परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की है। याचिका में कर्नाटक बोर्ड की परीक्षा का एक वाक्या भी जोड़ा गया है जिसमें बताया गया है कि कैसे कर्नाटक बोर्ड की परीक्षा के बाद 24 बच्चों को क्वॉरंटीन किया गया था और एक बच्चे के माता पिता कोरोना पॉजिटिव निकले थे। बच्चों के माता पिता के अलावा महाराष्ट्र, दिल्ली और ओडिसा ने भी एचआरडी मंत्रालय को बची हुई परीक्षाओं को रद्द करने के लिए लिखा है।
एचआरडी मंत्रालय ने CBSE की बची हुई 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाओं को पहली जुलाई से 15 जुलाई के बीच कराने की व्यवस्था की हुई है। लेकिन एचआरडी मंत्रालय के इस कदम के बाद कई राज्यों और कुछ बच्चों के माता पिता ने बची हुई परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की है और बच्चों के माता पिता ने सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर याचिका दाखिल की हुई है। CBSE की बची हुई 10वीं और 12वीं की परीक्षा अगर रद्द नहीं होती है तो 10 लाख से ज्यादा बच्चों को परीक्षा में बैठना पड़ेगा और ऐसे में बच्चों के माता पिता को डर सता रहा है कि कहीं कोरोना वायरस का संक्रमण ने फैले। इसी डर की वजह से उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की हुई है।
ICSE की परीक्षाओं का फैसला भी अधर में
CBSE के अलावा ICSE बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर भी अब तक कोई फैसला नहीं हो सका है। सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार से आईसीएसई बोर्ड परीक्षाओं पर फैसला करने को भी कहा है। आईसीएसई बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि इस मामले में जो भी निर्णय केंद्र सरकार करेगी, वो उसे मान्य होगा।
CBSE BOARDS EXAM DATE: CBSE बोर्ड 10वीं और 12वीं कक्षा के बचे हुए 29 विषयों की परीक्षाओं का आयोजन 1 से 15 जुलाई के बीच करने जा रहा है। बहरहाल HRD मंत्रालय को तमाम परिस्थितियों का आकलन कर फैसला करना होगा क्योंकि यदि CBSE 12वीं बोर्ड परीक्षाएं स्थगित की जाती है तो इंजीनियरिंग, मेडिकल और अन्य विधाओं के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षाओं को स्थगित करना होगा।
शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने भी बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग:
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के बारे में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' को एक पत्र लिखा है। सिसोदिया ने केंद्र सरकार से कहा है कि 10वीं और 12वीं की शेष रह गई बोर्ड परीक्षाएं नहीं करवाई जाएं।
केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में सिसोदिया ने कहा है, "कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न हुई परिस्थितियों में बोर्ड परीक्षाएं कराना बहुत कठिन है। मौजूदा हालात को देखते हुए ये बोर्ड परीक्षाएं रद्द की जानी चाहिए। प्री-बोर्ड या आंतरिक परीक्षाओं के आधार पर 10वीं एवं 12वीं कक्षाओं के छात्रों का नतीजा घोषित कर देना चाहिए।