नई दिल्ली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' को पत्र लिख कर उन्हें वर्तमान परिस्थितियों में छात्रों की समस्याओं से अवगत कराया है। एबीवीपी ने अंतिम वर्ष की परीक्षा अथवा मूल्यांकन के निर्णय को आवश्यक कदम बताते हुए इसके लिए ऑनलाइन-ऑफलाइन मिश्रित मोड का सुझाव रखा है। जिन क्षेत्रों में इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है, वहां डाक से प्रश्नपत्र भेजकर परीक्षा कराने तथा जहां परिस्थितियां लगभग सामान्य हैं, वहां शारीरिक दूरी एवं समुचित स्वच्छता के मानकों का पालन करते हुए पारंपरिक तरीके से भी परीक्षा कराने का सुझाव एबीवीपी ने रखा है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कोरोना महामारी के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रहे छात्र समुदाय की समस्याओं से मंत्रालय को अवगत कराते हुए शुल्क में छूट देने पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने की अपील की है। विद्यार्थी मार्च से ही शिक्षण संस्थानों से दूर हैं, अत उन्हें छात्रावास, बिजली, पानी, अभ्यांतर एवं बाह्यान्तर खेल कूद इत्यादि के लिए लगने वाले शुल्क में छूट मिलनी चाहिए। साथ ही विद्यार्थी परिषद ने अभिभावकों को किश्तों में शुल्क जमा कराने का विकल्प उपलब्ध कराए जाने का भी सुझाव दिया है।
शोधार्थियों के लिए इन विशेष परिस्थितियों में शोध प्रबंध तथा लघु शोध प्रबंध ऑनलाइन जमा कराने का प्रबंध सभी संस्थाओं में हो, ऐसी मांग अभाविप ने रखी है। साथ ही कोरोना के कारण सीनियर रिसर्च फैलोशिप के अवरुद्ध साक्षात्कारों को ऑनलाइन कराने का सुझाव भी दिया है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इस कठिन समय में हर छात्र के साथ खड़ी है। हम लगातार छात्रों की समस्याओं को न सिर्फ प्रशासन तक पहुंचाते रहे हैं, बल्कि उनके निवारण के लिए उचित सुझाव भी देते रहे हैं। आशा है मंत्रालय जल्द से जल्द इन सुझावों पर अमल कर छात्रों के लिए स्थिति सामान्य करने की ओर बढ़ेगा।
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