CBSE BOARDS 2020: जानिए कब आयोजित होंगी 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं
0वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर सीबीएसई ने अपना रुख स्पष्ट किया है। सीबीएसई के मुताबिक दसवीं और बारहवीं कक्षा के 29 विषयों की लॉक डाउन अवधि के बाद परीक्षाएं ली जाएंगी।
नई दिल्ली। 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर सीबीएसई ने अपना रुख स्पष्ट किया है। सीबीएसई के मुताबिक दसवीं और बारहवीं कक्षा के 29 विषयों की लॉक डाउन अवधि के बाद परीक्षाएं ली जाएंगी। सीबीएसई ने बुधवार को ट्वीट करके इसकी जानकारी दी। सीबीएसई ने बोर्ड परीक्षाएं न लिए जाने की बातों को महज अटकल बाजी करार दिया है।
वहीं, बोर्ड परीक्षाओं को लेकर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा सीबीएसई के 10वीं व 12वीं बोर्ड के शेष बचे 83 पेपरों में से 29 विषयों की परीक्षा होगी। शेष वैकल्पिक विषयों के मार्क्स उनके इंटरनल असेसमेंट के आधार पर होगा। हालात सामान्य होती ही सीबीएसई के 29 विषयों की परीक्षाएं शुरू होंगी। विद्यार्थी अपनी पढ़ाई जारी रखें।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी बोर्ड परीक्षाएं न करवाए जाने की अटकलों को भी खारिज किया है। मंत्रालय का कहना है कि हालात सामान्य होते ही 10वीं व 12वीं कक्षा की रह गई बोर्ड परीक्षाएं करवा ली जाएंगी।केंद्रीय मंत्री निशंक ने कहा दसवीं और बारहवीं के छात्रों को बोर्ड परीक्षा के बाद ही प्रमोट किया जायेगा। उनको बिना परीक्षा के प्रमोट करने की कोई योजना नहीं है।
मंगलवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने देशभर के शिक्षा मंत्रियों एवं शिक्षा सचिवों के साथ विभिन्न विषयों पर एक अहम बैठक की।इस बैठक में शामिल हुए दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने 10वीं और 12वीं की शेष रह गई बोर्ड परीक्षाएं न करवा कर आंतरिक परीक्षाओं के आधार पर ही छात्रों का रिजल्ट जारी करने की बात कही थी।
शिक्षा मंत्रियों की इस बैठक में सिसोदिया ने कहा अगले वर्ष के लिए समूचे पाठ्यक्रम में कम से कम 30 प्रतिशत की कमी की जाए और जी, नीट तथा अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों की प्रवेश परीक्षाएं भी कम किए गए पाठ्यक्रम के आधार पर ही ली जाएं।
मनीष सिसोदिया ने कहा सीबीएसई की 10 वीं 12वीं की बची हुई परीक्षाएं कराना अभी सम्भव नहीं होगा। इसलिए के आंतरिक परीक्षा आधार पर ही बच्चों को पास किया जाए जैसा कि 9 वीं और 11वीं के बच्चों को पास किया गया है।
हालांकि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय व सीबीएसई दोनों ने ही दिल्ली सरकार के इस सुझाव को खारिज कर दिया है। सीबीएसई का कहना है कि बोर्ड परीक्षाएं लिए बिना छात्रों को अगली कक्षा में प्रवेश दिए जाने की कोई योजना नहीं है, न ही सीबीएसई ऐसा करने के बारे में सोच रही है।