झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीख तय होने के बाद गठबंधन दल के बीच सीट शेयरिंग पर बातचीत चल रही है। इस बीच, विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के साझेदारों के बीच दरार खुलकर सामने आ गई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और कांग्रेस द्वारा विधानसभा की 81 में से 70 सीट पर लड़ने की घोषणा को लेकर निराशा जताई है। आरजेडी ने कहा कि 'इंडिया' गठबंधन के दोनों घटकों द्वारा सीट समझौते की घोषणा एकतरफा है। पिछले विधानसभा चुनाव में आरजेडी ने 7 सीट पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से 5 पर वह दूसरे स्थान पर आई थी। पार्टी ने स्पष्ट कि किया कि उसने सभी विकल्प खुले रखे हैं।
"एक तरफा फैसला लिया गया"
आरजेडी के प्रवक्ता मनोज कुमार झा ने कहा, "हम हमें दी गई सीटों पर अपनी निराशा व्यक्त करते हैं। यह फैसला एकतरफा है। हमसे विचार-विमर्श नहीं किया गया। हमारे समक्ष सभी विकल्प खुले हैं। हमारा पूरा नेतृत्व यहां है। आज सुबह बैठक हुई और उस बैठक में ये पाया गया कि ताकत जनाधार की है जो राजद के पक्ष में है। पिछली बार हम 7 सीटों पर लड़े, क्योंकि लालू यादव का हृदय विशाल था। हमारा लक्ष्य था भाजपा को हटाओ जो आज भी है। दुख के साथ कहना पड़ता है कि एक तरफा फैसला लिया गया। अलग-अलग जिलों में हमारी जो मौजूदगी है वो बहुत ताकतवर है। हम अपने गठबंधन के सहयोगियों को कहेंगे कि उसके अनुसार फैसला लें।"
"अकेले भी बीजेपी को परास्त करने में सक्षम"
मनोज झा ने कहा, "कल से हमारे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव रांची हैं, राष्ट्रीय प्रधान महासचिव यहां हैं। सब लोगों के होने के बावजूद अगर गठबंधन की बनावट की प्रक्रिया में आपने हमें संलग्न नहीं किया, तो इस बात का दुख तो होता है। कष्ट इसलिए भी होता है कि हमारी ताकत शायद बहुत ज्यादा है। हम लोगों ने 15 से 18 ऐसी सीटें चिह्नित की हैं जहां हम शायद अकेले भी बीजेपी को परास्त करने में सक्षम हैं।" उन्होंने कहा कि सारे फैसले मैगी टू मिनट नूडल्स में नहीं होते। तमाम विकल्प खुले हुए हैं, क्योंकि कोई भी राजनीतिक दल अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं की मनोभावना को दरकिनार कर आगे चले यह उचित नहीं लगता। इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घोषणा की कि आगामी विधानसभा चुनाव में झामुमो और कांग्रेस 70 सीट पर चुनाव लड़ेंगे।
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