भाजयुमो ने झारखंड सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, पुलिस ने दागे आंसू गैसे के गोले
झारखंड सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे भाजयुमो के कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। यहां पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले भी छोड़े हैं।
रांची: भारतीय जनता युवा मोर्चा की 'युवा आक्रोश रैली' मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ गई है। वहीं भाजयुमो के कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इसके अलावा रांची में झारखंड सरकार के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं और भाजपा युवा मोर्चा के सदस्यों के विरोध प्रदर्शन को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल भी किया।
मोरहाबादी मैदान में प्रदर्शन
बता दें कि रांची के मोरहाबादी मैदान के बाहर शुक्रवार को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भारतीय जनता युवा मोर्चा ने झारखंड सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने सरकार के अन्याय के खिलाफ विरोध रैली निकाली। इसके लिए भाजयुमो के कार्यकर्ता मोरहाबादी मैदान में एकत्र हुए। हालांकि इस रैली को रोकने के लिए पुलिस बल को सामने आना पड़ा। पुलिस ने पहले प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए वाटर केनन का इस्तेमाल किया। इसके बाद आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े।
प्रदर्शन पर लगा प्रतिबंध
दरअसल, भाजयुमो की 'युवा आक्रोश रैली' से पहले प्रशासन ने राजधानी में निषेधाज्ञा लागू कर दी। उन्होंने मोरहाबादी मैदान के पास शुक्रवार को सुबह 11 बजे से रात 11 बजे तक किसी भी प्रदर्शन और सार्वजनिक बैठक पर प्रतिबंध लगा दिया है। भाजपा ने इस कदम को हेमंत सोरेन सरकार द्वारा किए गए 'अन्याय' के खिलाफ भाजयुमो कार्यकर्ताओं की 'आवाज दबाने' का प्रयास करार दिया है। साथ ही भाजपा ने दावा किया कि झारखंड विधानसभा चुनाव में सरकार को बाहर का रास्ता दिखाए जाने में बमुश्किल दो महीने का ही समय बचा है।
जिला प्रशासन ने जारी किया आदेश
जिला प्रशासन ने मोरहाबादी मैदान के परिसर को छोड़कर इसके 500 मीटर के दायरे में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (बीएनएसएस) की धारा 163 लागू कर दी है। निषेधाज्ञा के तहत इस दायरे में सार्वजनिक सभाओं, रैलियों, धरना, प्रदर्शनों और पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाया गया है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि यहां हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक और पारंपरिक हथियार जैसे लाठी, भाले, धनुष और तीर ले जाने पर भी प्रतिबंधित है। साथ ही क्षेत्र में लाउडस्पीकर का उपयोग भी वर्जित है।
सीएम आवास का घेराव करने की योजना
आदेश में इस बात पर चिंता जाहिर की गई कि कुछ संगठन या दल धरना, प्रदर्शन और रैलियां आयोजित करने की योजना बना रहे हैं और वे मुख्यमंत्री आवास का भी घेराव कर सकते हैं। आदेश में कहा गया, ''ऐसी गतिविधियों से सरकारी काम में बाधा उत्पन्न हो सकती है, यातायात प्रभावित हो सकता है, कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती है और सार्वजनिक स्थानों पर अशांति फैल सकती है। इसलिए निषेधाज्ञा लागू की गई है।''
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