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Hindi News झारखण्ड पुलिस के साथ मुठभेड़ में एक नक्सली की मौत, 29 मामलों में वांछित था मारा गया PLFI सदस्य

पुलिस के साथ मुठभेड़ में एक नक्सली की मौत, 29 मामलों में वांछित था मारा गया PLFI सदस्य

मारा गया नक्सली पश्चिमी सिंहभूम और खूंटी जिलों में दर्ज 29 आपराधिक मामलों में वांछित था। पुलिस के अनुसार वह टेबो जंगल में अपने साथियों के साथ किसी योजना को अंजाम देने आए था।

Weapons seized from naxalite- India TV Hindi Image Source : X/JHARKHANDPOLICE नक्सली के पास बरामद हुआ सामान

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में शनिवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया। पुलिस के मुताबिक तेबो पुलिस थाना क्षेत्र के तोमरोम गांव में उस समय गोलीबारी शुरू हो गई जब एक गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस की एक टीम ने प्रतिबंधित पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के सदस्यों को रोका। जिले के पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने बताया कि मृतक की पहचान पीएलएफआई के एरिया कमांडर रादुंग बोदरा उर्फ ​​लंबू के रूप में हुई है, जो बंदगांव थाना क्षेत्र के जिकीलता गांव का निवासी था। 

पुलिस अधिकारी ने बताया कि वह पश्चिमी सिंहभूम और खूंटी जिलों में दर्ज 29 आपराधिक मामलों में वांछित था। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को सूचना मिली थी कि लंबू अपने दस्ते के तीन-चार सदस्यों के साथ टेबो जंगल में देखा गया है। उन्होंने दावा किया कि वे वहां किसी योजना को अंजाम देने आए थे। तदनुसार, आवश्यक कार्रवाई शुरू करने के लिए पुलिस की एक विशेष अभियान टीम को घटनास्थल पर भेजा गया।

घटनास्थल से दो पिस्तौल बरामद

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिस को देखते ही नक्सलियों ने रोरो नदी के किनारे से गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद जवानों को आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, बढ़ते दबाव के कारण पीएलएफआई के सदस्य घने जंगल और पहाड़ियों का फायदा उठाकर जल्दबाजी में पीछे हट गए।’’ उन्होंने बताया कि बाद में पुलिस दल ने मौके से हथियार और गोलाबारूद के साथ लंबू का शव बरामद किया। पुलिस अधीक्षक शेखर ने बताया कि घटनास्थल से जब्त सामानों में दो पिस्तौल, 7.65 एमएम बोर के चार कारतूस, दो खाली कारतूस, पीएलएफआई की रसीद बुक, सात मोबाइल फोन और 10 सिम कार्ड शामिल हैं।

सीएम सोरेन ने मुठभेड़ में शहीद के भाई को दी थी नौकरी

झारखंड में नक्सलवाद खत्म करने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। हेमंत सोरेन ने चौथी बार झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद एक अग्निवीर के भाई को नियुक्ति पत्र सौंपा था। इसके साथ ही उसके परिवार को 10 लाख रुपये का चेक भी दिया था। यह अग्निवीर असम के सिलचर में 22 नवंबर को एक मुठभेड़ में मारा गया था। इस दौरान हेमंत सोरेन ने कहा था, ‘‘अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप हमने शहीद अग्निवीर अर्जुन महतो के परिवार को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की है। उनके भाई बलराम महतो को भी नियुक्ति पत्र सौंपा गया है, जिन्हें बोकारो कलेक्ट्रेट में चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्त किया गया है।’’ उन्होंने आश्वासन दिया था कि महतो के परिवार को सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। (इनपुट- पीटीआई भाषा)