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झारखंड में आकाशीय बिजली का कहर, तीन हॉकी खिलाड़ियों की मौत, 5 हुए घायल

झारखंड के सिमडेगा से एक बुरी खबर सामने आई है। दरअसल यहां आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 3 हॉकी खिलाड़ियों की मौत हो गई है। वहीं 5 अन्य खिलाड़ी आकाशीय बिजली की चपेट में आने के कारण घायल हो गए।

Jharkhand Lightning wreaks havoc three hockey players died 5 injured- India TV Hindi Image Source : PTI झारखंड में आकाशीय बिजली का कहर

झारखंड के सिमडेगा जिले में बुधवार को आकाशीय बिजली की चपेट में आने से कम से कम तीन उभरते हुए हॉकी खिलाड़ियों की मौत हो गई जबकि पांच अन्य घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि घटना कोलेबीरा इलाके की तुतीकेल पंचायत में झपला आरसी स्कूल के निकट एक मैदान पर हुई जब पीड़ित हॉकी खिलाड़ी मैच की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने कहा कि घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। वहीं राजस्थान में बुधवार को कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई हालांकि पूर्वी हिस्सों में शनिवार के बाद बारिश की गतिविधियों में कमी आने की संभावना है। जयपुर में बुधवार शाम को तेज बारिश का दौर शुरू हुआ। मौसम विभाग के मुताबिक, बजाज नगर, मालवीय नगर, महेश नगर समेत जयपुर के कई इलाकों में वाहन चलाने वाले को सड़कों पर भरे पानी के कारण यातायात जाम का सामना करना पड़ा। 

वायनाड में अलर्ट जारी

वहीं अगर वायनाड की बात करें तो भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को केरल के पारिस्थितिकी के लिहाज से संवेदनशील वायनाड जिले के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी देते हुए ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया। वायनाड में हाल में भारी बारिश के कारण 30 जुलाई को भूस्खलन की घटनाओं में 230 से अधिक लोगों की मौत हो गयी। मौसम विभाग ने बुधवार को एर्णाकुलम, त्रिशूर और कन्नूर में एक या दो स्थानों पर तथा बृहस्पतिवार को कोझीकोड और वायनाड में भारी (24 घंटे में सात सेंटीमीटर से 11 सेंटीमीटर तक) से बहुत भारी बारिश (24 घंटे में 12 सेमी.से 20 सेमी) का अनुमान जताया है। लक्षद्वीप के लिए ‘रेड’ अलर्ट जारी किया गया, जिसमें बुधवार को अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा (24 घंटे में 20 सेमी से अधिक) की चेतावनी दी गयी है। 

30 जुलाई के लिए जारी किया गया था रेड अलर्ट

वैज्ञानिकों के एक वैश्विक दल ने बुधवार को कहा कि वायनाड में भूस्खलन के लिए भारी बारिश जिम्मेदार थी, जो जलवायु परिवर्तन के कारण 10 फीसदी और तीव्र हो गई थी। भारत, स्वीडन, अमेरिका और ब्रिटेन के 24 अनुसंधानकर्ताओं के दल ने कहा कि वायनाड में लगभग दो महीने की मानसूनी बारिश के चलते पहले से ही अत्यधिक नम मिट्टी पर एक ही दिन में 140 मिलीमीटर से ज्यादा पानी बरसा, जिससे क्षेत्र विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन की चपेट में आ गया और कम से कम 231 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। केरल सरकार ने पहले दावा किया था कि आईएमडी 30 जुलाई को वायनाड में भूस्खलनों का कारण बनी अत्यधिक बारिश का पूर्वानुमान लगाने में विफल रहा। बहरहाल, आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि विभाग ने देश के पश्चिमी तट पर बारिश संबंधी गतिविधि के बारे में नियमित तौर पर पूर्वानुमान जारी किए थे और 30 जुलाई की सुबह केरल के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया था, जिस दिन वायनाड जिले में भूस्खलन की घटनाएं हुई थीं। 

(इनपुट-भाषा)