A
Hindi News झारखण्ड हाईकोर्ट में स्थायी चीफ जस्टिस की नियुक्ति में हो रही देरी, झारखंड सरकार ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

हाईकोर्ट में स्थायी चीफ जस्टिस की नियुक्ति में हो रही देरी, झारखंड सरकार ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

याचिकाकर्ता झारखंड सरकार ने मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर का हवाला देते हुए कहा कि कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश पर जिम्मेदारी एक महीने से अधिक नहीं होनी चाहिए।

झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

झारखंड सरकार ने हाईकोर्ट में स्थायी चीफ जस्टिस की नियुक्ति में हो रही देरी का मुद्दा उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हेमंत सोरेन सरकार ने अपनी अर्जी में केंद्र सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की सिफारिशों की अवमानना का मामला चलाए जाने की गुहार लगाई है।

केंद्र सरकार ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया

झारखंड हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस के रूप में जस्टिस एमएस रामचंद्र राव को नियुक्त किए जाने की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने 11 जुलाई को भेजी थी। अब तक केंद्र सरकार ने उस पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। 

जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद संभाल रहे कार्यभार

झारखंड हाईकोर्ट में जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद कार्यकारी मुख्य न्यायधीश के तौर पर कार्य संभाल रहे हैं। याचिकाकर्ता झारखंड सरकार ने मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर का हवाला देते हुए कहा कि कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश पर जिम्मेदारी एक महीने से अधिक नहीं होनी चाहिए। 

उस समय भी हुई 7 महीने की देरी

याचिका में कहा गया कि पिछली बार भी ओडिशा हाईकोर्ट के जज जस्टिस बीआर सारंगी को 27 दिसंबर 2023 में झारखंड हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने की थी। लेकिन उनकी नियुक्ति को केंद्र सरकार ने 3 जुलाई 2024 को मंजूरी दी थी। उस समय भी सात महीने की देरी हुई थी। 

इतनी कवायद का कोई मतलब नहीं- राज्य सरकार

जस्टिस सारंगी सिर्फ 15 दिन चीफ जस्टिस रहकर 19 जुलाई को रिटायर हो गए। तब से कार्यकारी चीफ जस्टिस ही वहां काम संभाल रहे हैं। राज्य सरकार का कहना है कि नए चीफ जस्टिस की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने समय रहते ही प्रक्रिया शुरू की और सिफारिश भी भेजी। केंद्र सरकार की वजह से सब कुछ देरी से हुआ है। राज्य सरकार ने कहा कि इतनी कवायद का कोई मतलब नहीं निकला है।