रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 3 बार के बीजेपी विधायक केदार हाजरा और AJSU के नेता उमाकांत रजक शुक्रवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गये। हाजरा और रजक ने रांची में एक कार्यक्रम में JMM का दामन थाम लिया। बता दें कि हाजरा जमुआ से विधायक हैं और उन्होंने कांग्रेस की मंजू कुमारी को 18175 मतों से हराकर 2019 में विधानसभा चुनाव जीता था। हाजरा के पार्टी में शामिल होने से जमुआ सीट पर JMM मजबूती की उम्मीद कर रही होगी।
‘दोनों नेताओं से पार्टी को मजबूती मिलेगी’
झारखंड मुक्ति मोर्चा में दोनों नेताओं का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पृथक झारखंड राज्य के निर्माण के आंदोलन में सक्रियता से भाग ले चुके इन दोनों नेताओं से उनकी पार्टी को मजबूती मिलेगी। बता दें कि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए 2 चरणों में 13 और 20 नवंबर को चुनाव होंगे तथा वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी। बीजेपी पर निशाना साधते हुए सोरेन ने कहा,‘झारखंड को सामंती मानसिकता वाले राजनीतिक गिद्धों से बचाने का समय आ गया है।’ उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ‘क्षुद्र राजनीतिक स्वार्थ’ के चलते अशांति फैलाना चाहती है।
हाजरा को जमुआ से टिकट दे सकती है JMM
वहीं, चुनावों से ठीक पहले बीजेपी का दामन छोड़कर JMM में शामिल होने वाले हाजरा ने कहा कि वैसे तो उन्होंने 3 दशक तक बीजेपी की सेवा की लेकिन वह ‘दिशोम गुरु’ शिबू सोरेन से सदैव प्रेरित रहे हैं। हाजरा ने कहा कि यही वजह है कि उन्होंने JMM को मजबूत करने का निर्णय लिया। JMM सूत्रों के मुताबिक, पार्टी हाजरा को जमुआ सीट से टिकट दे सकती है। बता दें कि हाजरा 2019 के अलावा 2005 एवं 2014 में जमुआ सीट से विजयी रहे थे। इस तरह देखा जाए तो इस सीट पर उनकी मजबूत पकड़ है और पिछला चुनाव भी उन्होंने अच्छे-खासे अंतर से जीता था।