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Hindi News झारखण्ड Jharkhand Assembly Elections 2024: किसके खाते में जाएगी खूंटी विधानसभा सीट? जानें यहां के चुनावी समीकरण

Jharkhand Assembly Elections 2024: किसके खाते में जाएगी खूंटी विधानसभा सीट? जानें यहां के चुनावी समीकरण

खूंटी विधानसभा सीट पहले कांग्रेस फिर बीजेपी का गढ़ रही है। बीजेपी के नीलकंठ सिंह 25 साल से यहां से विधायक हैं और वह इस बार भी जीत का दम भर रहे हैं।

Khunti - India TV Hindi Image Source : INDIA TV खूंटी विधानसभा सीट

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में खूंटी सीट बेहद अहम बनी हुई है। 2005 से इस सीट पर भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) का कब्जा है। भाजपा के नीलकंठ सिंह मुंडा ने कांग्रेस की सुशीला केरकेट्टा को हराकर यह सीट हासिल की थी। इसके बाद से वह 25 साल से यहां के विधायक बने हुए हैं। कांग्रेस और झामुमो गठबंधन के सामने यह सीट बीजेपी से छीनने की चुनौती है।

झारखंड में विधानसभा चुनाव का ऐलान होने के साथ ही बीजेपी और जेएमएम समेत सभी पार्टियां अपनी-अपनी रणनीतियों को अमली जामा पहनाने में जुट गई हैं। बीजेपी जहां सत्ता में वापसी के लिए हर संभव कोशिश कर रही है वहीं, जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन के लिए सरकार को बचाए रखने की चुनौती है। 

खूंटी का इतिहास

2011 की भारत की जनगणना के अनुसार, 124,388 की आबादी वाला यह शहर जिले का मुख्यालय भी है। यह निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित है। खूंटी जिले को रांची जिले से अलग करके बनाया गया था। यहां 13 नवंबर को मतदान होना है।

नामांकन की प्रक्रिया शुरू 

खूंटी सीट पर नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। नामांकन प्रक्रिया 25 अक्टूबर तक जारी रहेगी। सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। 28 अक्टूबर को नामांकन की जांच की जाएगी और 30 अक्तूबर तक पर्चा वापस लिया जा सकता है। सामान्य उम्मीदवारों के लिए सिक्योरिटी मनी 10,000 रुपये निर्धारित है, जबकि एससी/एसटी उम्मीदवारों को 5,000 रुपये जमा करने होंगे। प्रत्येक उम्मीदवार अधिकतम 40 लाख रुपये खर्च कर सकता है।

खूंटी का चुनावी इतिहास

देश को आजादी मिलने के बाद से ही यह सीट बेहद खास रही है। पहले यह सीट बिहार का हिस्सा थी और बाद में झारखंड का हिस्सा बन गई। यहां शुरुआती चार चुनाव में झारखंड पार्टी को जीत मिली थी। कांग्रेस ने 1967 में पहली बार यहां जीत हासिल की। इसके बाद 2000 तक खूंटी से सात बार कांग्रेस को जीत मिली। 2000 में भाजपा के नीलकंठ सिंह मुंडा ने कांग्रेस की सुशीला केरकेट्टा को हराकर पहली बार बीजेपी को इस सीट पर जीत दिलाई। इसके बाद से वह यहां के विधायक बने हुए हैं।