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Hindi News झारखण्ड 'अमित शाह जहां रुके, झारखंड पुलिस ने वहां मारा छापा, SP साहब को देना पड़ेगा जवाब,' हिमंत सरमा का बड़ा आरोप

'अमित शाह जहां रुके, झारखंड पुलिस ने वहां मारा छापा, SP साहब को देना पड़ेगा जवाब,' हिमंत सरमा का बड़ा आरोप

झारखंड में दूसरे चरण का चुनाव 20 नवंबर को है। पहले चरण के चुनाव के बाद अब दूसरे चरण का चुनाव प्रचार तेज है। ऐसे में अमित शाह को लेकर हिमंत सरमा ने झारखंड सरकार पर निशाना साधा है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा

झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर नेताओं की बयानबाजी तेज है। इस बीच, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने हेमंत सोरेन सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, ' केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जहां रुके हुए थे। वहां झारखंड पुलिस ने छापा मारा, उन्हें कुछ नहीं मिला। ये राजनीति से प्रेरित है। रांची के SP साहब को बाद में इसके लिए जवाब देना पड़ेगा।' 

दूसरे चरण में मौसम खुला-खुला- सरमा

झारखंड विधानसभा चुनावों पर असम के सीएम सरमा ने कहा, 'पहले चरण में हमारा चुनाव अच्छा हुआ है। दूसरे चरण में मौसम और खुला-खुला है। मैं उम्मीद करता हूं कि धनबाद, संथाल परगना हर जगह से हम बहुत व्यापक रूप से जीतेंगे। इस बार हम पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएंगे। इस बार झारखंड में हमें भव्य सरकार बनानी है।'

राहुल गांधी पर अमित शाह ने साधा निशाना

वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को देवघर की चुनाव रैली में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। अमित शाह ने दावा किया कि देश की सबसे पुरानी पार्टी के नेता राहुल गांधी वादे करते हैं और विदेश चले जाते हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपनी हर गारंटी पूरी करती है। 

भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए हैं चुनाव

देवघर जिले के मधुपुर में एक चुनावी सभा को संभोधित करते हुए शाह ने कहा कि झारखंड विधानसभा चुनाव विधायक, मुख्यमंत्री या सरकार बदलने के लिए नहीं, बल्कि युवाओं एवं गरीबों के भविष्य को संवारने तथा भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए हैं।

अमित शाह ने उठाया घुसपैठियों का मुद्दा

अमित शाह ने दावा किया, 'घुसपैठिये न केवल आदिवासियों के लिए, बल्कि नौकरियां छीनकर और अपराध को बढ़ावा देकर राज्य के युवाओं के लिए भी खतरा पैदा कर रहे हैं। झारखंड उच्च न्यायालय ने घुसपैठियों की पहचान करने और उन्हें निर्वासित करने का निर्देश दिया था। केंद्र ने इस पर सहमति जताई, लेकिन राज्य की हेमंत सोरेन सरकार तैयार नहीं हुई।'

भाषा के इनपुट के साथ