गाण्डे: झारखंड विधानसभा चुनावों के लिए आज मतगणना का दिन है। सूबे में 13 नवंबर और 20 नवंबर को 2 चरणों में सभी 81 सीटों के लिए मतदान हुआ था। झारखंड की गाण्डे विधानसभा सीट पर भी सभी की नजरें टिकी थीं क्योंकि यहां से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने खुद चुनाव लड़ा है। कल्पना का मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी मुनिया देवी से था। कल्पना सोरेन ने जीत दर्ज की और बीजेपी की मुनिया देवी को 17142 वोटों से हराया।
पिछले 3 चुनावों में कौन पड़ा है भारी?
गाण्डे एक ऐसी सीट है जिस पर कोई भी पार्टी पूरी तरह से अपना होने का दावा नहीं ठोक सकती। यहां अक्सर उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर होती आई है। कल्पना सोरेन का इस सीट पर यह दूसरा चुनाव है और उन्होंने हाल ही में हुए उपचुनावों में करीब 27 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी। 2019 में हुए विधानसभा चुनावों में इस सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी डॉक्टर सरफराज अहमद ने तो 2014 के चुनावों में बीजेपी के जय प्रकाश वर्मा ने जीत दर्ज की थी।
क्या रहा है गाण्डे सीट का चुनावी इतिहास?
गाण्डे सीट कभी भी एक पार्टी के पीछे नहीं भागी, हालांकि सबसे ज्यादा बार इस सीट से JMM प्रत्याशी की ही जीत हुई है। 1977 में इस सीट पर जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी, तो 1980 और 2009 में कांग्रेस ने इस पर अपना परचम लहराया था। बीजेपी इस सीट पर 1995 और 2014 का चुनाव जीत चुकी है। वहीं, JMM 1985, 1990, 2000, 2005, 2019 के विधानसभा चुनावों और 2024 के उपचुनावों में इस सीट पर कब्जा जमा चुकी है।