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Hindi News झारखण्ड झारखंड के पूर्व CM मधु कोड़ा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, सजा पर रोक से इनकार, अब नहीं लड़ सकेंगे चुनाव

झारखंड के पूर्व CM मधु कोड़ा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, सजा पर रोक से इनकार, अब नहीं लड़ सकेंगे चुनाव

मधु कोड़ा को कोयला घोटाले में तीन साल की सजा हुई है। उन्होंने इस सजा पर रोक की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी जिसे अदालत ने खारिज कर दिया।

Madhu koda- India TV Hindi Image Source : FILE मधु कोड़ा

नई दिल्ली: कोयला घोटाला मामले में दोषी झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने मधु कोड़ा की दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। उन्हें निचली अदालत ने तीन साल की सजा सुनाई है। वे इस सजा पर रोक लगाने की मांग कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। अब वे विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। 

तीन साल की सजा के खिलाफ अर्जी

मधु कोड़ा ने निचली अदालत द्वारा सुनाई गई तीन साल की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी। कोड़ा ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। मधु कोड़ा झारखंड विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने भी उनकी याचिका यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि याचिकाकर्ता केवल इस आधार पर फैसले पर रोक लगाना चाहता है कि वह चुनाव लड़ सके, जो उचित नहीं हैं।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने इस मामले में सीबीआई की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट आरएस चीमा से कहा कि वह कोर्ट के पहले के फैसलों पर गौर करे जिसमें यह कहा गया था कि सजा के निलंबन का दायरा बेल के मामलों में निर्धारित दायरे से अलग है। चीमा ने सुप्रीम कोर्ट के पहले फैसले पर गौर करने पर सहमति जताई।

हाईकोर्ट ने भी खारिज की थी याचिका

इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने दोषसिद्धि पर रोक लगाने से जुड़ी मधु कोड़ा की याचिका को 18 अक्टूबर को खारिज कर दिया था। सीबीआई ने कोड़ा की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह विचार योग्य नहीं है। निचली अदालत ने 13 दिसंबर 2017 को झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, राज्य के पूर्व मुख्य सचिव एक बसु और मधु कोड़ा करीबी रहे विजयो जोसी को तीन साल की सजा सुनाई थी। यह मामला झारखंड के राजहरा उत्तर कोयला ब्लॉक को कोलकाता स्थित कंपनी विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (वीआईएसयूएल) को गलत तरीके से आवंटित करने से जुड़ा है