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झारखंड घोटाले को लेकर ईडी की बड़ी कार्रवाई, 4.2 करोड़ की संपत्ति कुर्क, जानें कौन था मालिक

ईडी के अनुसार आरोपियों ने अवैध पैसे से चार अलग-अलग संपत्तियां खरीदी थीं। इनकी कुल कीमत 4.42 करोड़ रुपये है।

ED- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO प्रतीकात्मक तस्वीर

झारखंड में हुए घोटाले को लेकर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने बड़ी कार्रवाई की है। रांची में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत सुरेश प्रसाद वर्मा और अन्य के मामले में संजीव कुमार लाल, रीता लाल और जहांगीर आलम से संबंधित 4.42 करोड़ रुपये के संयुक्त मूल्य की चार अचल संपत्तियों को कुर्क किया है। इन सभी आरोपियों की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है और अब ईडी ने इस मामले में संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी है।

ईडी ने एसीबी की FIR के आधार पर इस मामले की जांच शुरू की थी। एसीबी की FIR जमशेदपुर में दर्ज की गई थी, जिसमें सुरेश प्रसाद वर्मा और आलोक रंजन आरोपी थे। पीएमएलए जांच के दौरान पाया गया कि जमशेदपुर एसीबी ने आलोक रंजन के घर से 2.67 करोड़ रुपये जब्त किए थे। आलोक उस समय सुरेश प्रसाद वर्मा के घर में किरायेदार के रूप में रहते थे। जब्त किए गए रुपये वीरेंद्र कुमार राम के थे। वीरेंद्र सरकारी कर्मचारी थे। वह ग्रामीण विकास विशेष जोन और ग्रामीण कार्य विभाग में चीफ इंजीनियर के पद पर तैनात थे। दोनों विभाग झारखंड सरकार के हैं।

वीरेंद्र कुमार की 39.28 करोड़ की संपत्ति जब्त

जांच में मिली जानकारी के आधार पर EOW ने दिल्ली में वीरेंद्र कुमार राम, मुकेश मित्तल और अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आगे चलकर इस केस को जांच के साथ मिला लिया गया था। जांच आगे बढ़ने के बाद वीरेंद्र कुमार राम और उनके परिवार से जुड़ी 39.28 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई थी। इसके बाद वीरेंद्र कुमार के सीए मुकेश मित्तल की भी 35.77 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई।

स्कूटी और गहने भी जब्त किए

अप्रैल में वीरेंद्र कुमार राम, आलोक रंजन, राजकुमारी और गेंदा राम के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई और मुकेश मित्तल, तारा चंद, नीरज मित्तल, राम प्रकाश भाटिया, हरीश यादव और हृदय नंद तिवारी के खिलाफ एक पूरक अभियोजन शिकायत दायर की गई। जांच के आगे के दौरान, मई में अलग-अलग तारीखों पर तलाशी ली गई और तलाशी के परिणामस्वरूप 37.55 करोड़ रुपये की नकदी, एक वाहन, एक स्कूटी, आभूषण, कई डिजिटल डिवाइस और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त/फ्रीज किए गए। 

टेंडर के लिए 3.2 फीसदी था कमीशन

जांच के दौरान पता चला कि टेंडर आवंटन के लिए ठेकेदारों से कुल टेंडर मूल्य का 3.2% कमीशन लिया जाता है, जिसमें मंत्री आलमगीर आलम के लिए करीब 1.5% का कमीशन भी शामिल है। इसके अलावा, जांच के दौरान तत्कालीन मंत्री आलमगीर आलम, उनके तत्कालीन निजी सचिव संजीव कुमार लाल और जहांगीर आलम (संजीव कुमार लाल के करीबी सहयोगी) को पीएमएलए, 2002 की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा, संजीव कुमार लाल, रीता लाल (संजीव कुमार लाल की पत्नी) और जहांगीर आलम की अपराध की आय से अर्जित संपत्तियों की पहचान की गई और 4.42 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को 04.07.2024 के अनंतिम कुर्की आदेश के जरिए कुर्क किया गया। आलमगीर आलम, संजीव कुमार लाल और जहांगीर आलम के खिलाफ 04.07.2024 को माननीय विशेष पीएमएलए कोर्ट, रांची के समक्ष एक और पूरक अभियोजन शिकायत दायर की गई।

अब तक नौ लोग गिरफ्तार

अब तक, 13 आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ तीन अभियोजन शिकायतें, अनंतिम कुर्की आदेश (पीएओ) जारी किए गए हैं। 44 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है, लगभग 38 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई है, 8 लग्जरी वाहन जब्त किए गए हैं और मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आगे की जांच जारी है। 

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