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Hindi News झारखण्ड झारखंड में वोटिंग से पहले सीएम हेमंत सोरेन के करीबी पंकज मिश्रा की बढ़ी मुश्किलें! छापेमारी में 50 लाख कैश बरामद, गोल्ड बरामद

झारखंड में वोटिंग से पहले सीएम हेमंत सोरेन के करीबी पंकज मिश्रा की बढ़ी मुश्किलें! छापेमारी में 50 लाख कैश बरामद, गोल्ड बरामद

सीबीआई ने झारखंड, पश्चिम बंगाल और बिहार सहित 3 राज्यों में 20 स्थानों पर छापेमारी की। 50 लाख रुपये नकद, एक किलो सोना और चांदी के कुछ आभूषण बरामद किए गए हैं।

50 लाख कैश और पंकज मिश्रा की फाइल फोटो- India TV Hindi Image Source : INDIA TV 50 लाख कैश और पंकज मिश्रा की फाइल फोटो

रांचीः झारखंड में विधानसभा चुनाव से आठ दिन पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी और उनके विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। सीबीआई ने पंकज मिश्रा के करीबियों के 20 ठिकानों पर छापेमारी कर 50 लाख रुपये कैश जब्त किया है। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि अवैध खनन मामले में झारखंड, पश्चिम बंगाल और बिहार सहित 3 राज्यों में 20 स्थानों पर छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान 50 लाख रुपये नकद, एक किलो सोना और चांदी के कुछ आभूषण बरामद किए गए हैं। 

इनके पास से बरामद हुए सोने और कैश

सीबीआई ने भगवान भगत के पास से 40 लाख रुपये जब्त किए जबकि रंजन वर्मा के पास से एक किलो सोना बरामद किया। दोनों पंकज मिश्रा के करीबी सहयोगी हैं। कुल मिलाकर कुल 50 लाख रुपये नकद जब्त किये गये हैं। 

झारखंड में कई जगहों पर हुई छापेमारी

जानकारी के अनुसार, साहिबगंज के 11 जगहों पर छापेमारी हुई तो रांची में 3 और कोलकाता और पटना में एक-एक जगह पर रेड किया गया। सीबाआई ने राजमहल उधवा के बड़े कारोबारी महताब आलम, मिर्जाचौकी के रंजन वर्मा, संजय जायसवाल, बरहरवा के सुब्रतो पाल, पत्थर व्यवसायी टिंकल भगत, अवध किशोर सिंह उर्फ पतरु सिंह, बरहरवा के भगवान भगत और कृष्णा शाह के यहां छापेमारी की। ये सभी लोग पंकज मिश्रा के करीबी माने जाते हैं। 

बता दें कि पंकज मिश्रा बरहट विधानसभा के विधायक हेमंत सोरेन के प्रतिनिधि हैं। पंकज मिश्रा और कई लोगो के खिलाफ अवैध खनन मामले सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी। 2023 में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी। 

झारखंड हाई कोर्ट ने दिया था आदेश

नवंबर 2023 में झारखंड हाई कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया कि वह साहिबगंज के निम्बू पहाड़ में पत्थर की अवैध चोरी और खनन के मामले में जांच करे। कोर्ट ने यह भी नोट किया कि मूल डब्ल्यूपी दायर करने वाला याचिकाकर्ता इसे वापस लेना चाहता था। हाई कोर्ट ने सीबीआई से याचिकाकर्ता द्वारा बाद में दायर वकालतनामें की वास्तविकता की जांच करने को कहा। इसमें दो व्यक्तियों की भूमिका - अशोक यादव और मुकेश यादव की सामने आई। जिन्होंने याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय के परिसर में उस समय धमकाया जब वह याचिका का प्रतिनिधित्व करने के लिए एनओसी प्राप्त कर रहा था।

इस मामले में पंकज मिश्रा समेत सात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। ईडी ने झारखंड में अवैध कोयला खनन मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पंकज मिश्रा को गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने  पंकज मिश्रा को जमानत दे दी थी।