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Hindi News झारखण्ड झारखंड में प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज से भड़की बीजेपी, मरांडी- चंपाई सोरेन ने सरकार पर बोला हमला

झारखंड में प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज से भड़की बीजेपी, मरांडी- चंपाई सोरेन ने सरकार पर बोला हमला

झारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार सच्चाई को दबाना चाहती है। यह गलत है। अगर सरकार सही रास्ते पर है और गड़बड़ नहीं हुई है तो फिर सीबीआई जांच से उनको घबराना नहीं चाहिए।

झारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी - India TV Hindi Image Source : PTI झारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी

रांचीः जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा परिणाम रद्द की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज से बीजेपी भड़क गई है। झारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार सच्चाई को दबाना चाहती है। यह गलत है। अगर सरकार सही रास्ते पर है और गड़बड़ नहीं हुई है तो फिर सीबीआई जांच से उनको घबराना नहीं चाहिए। जहां सरकार गड़बड़ करेगी और जहां कदाचार होगा। बीजेपी उसका विरोध करेगी।

चंपई सोरेन ने कही ये बात

वहीं, प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई पर पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता चंपई सोरेन का कहना है कि मामला क्या है, इस पर मौजूदा सरकार को संज्ञान लेना चाहिए। छात्रों का भविष्य जुड़ा हुआ है। अगर सरकार कार्रवाई नहीं करेगी तो नहीं करेगी तो विपक्ष इस मुद्दे को हर जगह उठाएगा।

छात्रओं ने मंगलवार को किया था प्रदर्शन

बता दें कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) द्वारा आयोजित कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (सीजीएल) परीक्षाओं के नतीजे रद्द करने की मांग को लेकर मंगलवार को हजारों छात्र हज़ारीबाग़ में सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने दोपहर 1:30 बजे से राष्ट्रीय राजमार्ग 33 (एनएच-33) को अवरुद्ध कर दिया। इसकी वजह शाम 4:30 बजे तक भारी ट्रैफिक जाम रहा। 

राजमार्ग को अवरुद्ध करने के अलावा, छात्रों ने कोर्रा, मटवारी और लाखे सहित शहर के कई इलाकों में जबरन दुकानें बंद करा दीं। उन्होंने परीक्षा प्रक्रिया और परिणाम घोषणा में व्यापक अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए जेएसएससी और राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाए। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व उदय मेहता सहित प्रमुख छात्र नेताओं ने किया। आंदोलनकारियों ने पेपर लीक और पहले रद्द की गई परीक्षाओं के प्रश्नों को दोबारा दोहराए जाने जैसी अनियमितताओं का दावा किया।

21-22 सितंबर में हुई थी परीक्षा

21-22 सितंबर को राज्य भर के 823 केंद्रों पर आयोजित जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में लगभग 2,025 सरकारी पदों के लिए 3 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने भाग लिया। परीक्षा के तुरंत बाद विवाद शुरू हो गया। आरोपों के जवाब में, JSSC ने एक जांच समिति का गठन किया, जिसने बाद में परीक्षा प्रक्रिया को स्वतंत्र और निष्पक्ष घोषित किया। इसके बावजूद, 4 दिसंबर को घोषित नतीजों ने विरोध को और तेज़ कर दिया।