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Hindi News झारखण्ड झारखंड विधानसभा में अंधेरे के बीच विपक्ष का धरना, गमछा बिछाकर लेटे; मनाने पहुंचे CM की भी नहीं सुनी

झारखंड विधानसभा में अंधेरे के बीच विपक्ष का धरना, गमछा बिछाकर लेटे; मनाने पहुंचे CM की भी नहीं सुनी

झारखंड भाजपा के प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने एक वीडियो जारी कर सरकार पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि धरना देने को बाध्य हुए भाजपा-आजसू के विधायकों को बंधक बना लिया गया। बिजली काट दी गई। एसी बंद कर दिया गया। पीने का पानी नहीं दिया जा रहा है।

jharkhand assembly- India TV Hindi Image Source : IANS झारखंड विधानसभा में धरने पर बैठे बीजेपी और आजसू विधायक

रांची: झारखंड विधानसभा में भाजपा और आजसू के 18 विधायक सदन के वेल में 6 घंटे से धरने पर हैं। सदन में घुप्प अंधेरा है। बिजली काट दी गई है और एसी बंद कर दिया गया है। यहां मौजूद विधायकों में कोई फर्श पर लेटा है तो कोई बैठा है। इसी बीच शाम 6.20 बजे सीएम हेमंत सोरेन विधायकों को मनाने पहुंचे। लेकिन, उन्होंने सदन छोड़कर बाहर आने से इनकार कर दिया। भाजपा-आजसू के विधायकों की मांग है कि उन्होंने सदन में युवाओं की नौकरी, अनुबंध पर काम करने वालों के स्थायीकरण जैसे मुद्दों पर जो सवाल उठाया है, उस पर सीएम जब तक सदन में जवाब नहीं देते, वे यहीं डटे रहेंगे।

हेमंत सोरेन ने की धरना खत्म करने की अपील

नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन ने उनसे धरना खत्म करने की अपील की, लेकिन उनकी मांग पर कोई ठोस बात नहीं कही। ऐसे में भाजपा-आजसू के तमाम विधायक पूरी रात सदन में इसी हाल में रहेंगे। गुरुवार को दिन के 11 बजे जब सदन शुरू होगा, तब भी वह इसी हाल में यहां रहेंगे।

इधर, झारखंड भाजपा के प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने एक वीडियो जारी कर सरकार पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, "भाजपा विधायकों ने अनुबंध कर्मियों का विषय उठाया तो सदन को स्थगित कर दिया गया। इस पर धरना देने को बाध्य हुए भाजपा-आजसू के विधायकों को बंधक बना लिया गया। बिजली काट दी गई। एसी बंद कर दिया गया। पीने का पानी नहीं दिया जा रहा है। वॉशरूम नहीं जाने दिया जा रहा है। चारों तरफ मार्शल लगा दिए गए हैं। यह तानाशाही है। लोकतंत्र की हत्या की जा रही है।"

क्यों धरना दे रहे विधायक?

दरअसल, झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने बुधवार को सदन में दूसरी पाली की कार्यवाही के दौरान युवाओं की नौकरी, अनुबंध पर काम करने वालों से जुड़ा विषय उठाया। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान सरकार ने युवाओं, शिक्षकों, होमगार्ड, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका, अराजपत्रित कर्मचारियों सहित विभिन्न वर्गों से जो वादे किए थे, उन्हें भूला दिया गया है। हम सीधे सीएम से इस मामले में तत्काल जवाब चाहते हैं। यह मौजूदा विधानसभा का आखिरी सत्र है और सीएम इस सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को सबसे अंत में जवाब देंगे तो विपक्ष को वस्तुस्थिति और अपना पक्ष रखने का वक्त नहीं मिलेगा।

उन्होंने कहा कि जब तक सीएम जवाब नहीं देते, हम सदन में डटे रहेंगे। हमें पूरी रात और अगले दिन भी सदन में रहना पड़े तो रहेंगे। (IANS इनपुट्स के साथ)

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