बिचौलियों के चक्कर में अफ्रीका में फंसे 47 मजदूर, 11 को बमुश्किल से लाया गया वापस
झारखंड सरकार ने जानकारी देते हुए बताया कि अफ्रीका में 47 प्रवासी श्रमिक फंस गए हैं, जिनमें से 11 को वापस लाया गया है।
झारखंड के अलग-अलग जिलों से 47 मजदूर सेंट्रल अफ्रीकी देश कैमरुन रोजगार की तलाश में गए थे, लेकिन उन्हें वहां धोखा मिला। उन्हें वहां, 3-3 माह तक के पैसे नहीं दिए गए। अब राज्य सरकार की मदद से कुछ मजदूरों को वापस स्वदेश लाया गया है बाकी 36 लोग अब भी वहीं फंसे हुए हैं। सरकार की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि ये मजदूर मुंबई स्थित एक फर्म और कुछ बिचौलियों के चक्कर में आ गए और उन्होंने इन्हें कैमरुन देश में भेज दिया।
11 मजदूर आए वापस
झारखंड सरकार ने आगे कहा कि कैमरून में फंसे 47 मजदूरों में से 11 को राज्य में लाया गया है और बाकी लोगों की सुरक्षित वापसी के लिए कोशिश जारी हैं। इसकी जानकारी तब हुई जब राज्य सरकार द्वारा अफ्रीकी देश में फंसे राज्य के 47 श्रमिकों को कथित तौर पर वेतन का भुगतान न करने के आरोप में मुंबई स्थित एक फर्म और कुछ बिचौलियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई गई।
36 भी आएंगे जल्द
मुख्यमंत्री सचिवालय ने अपने जारी एक बयान में कहा, ‘‘कैमरून में फंसे प्रदेश के 47 प्रवासी श्रमिकों में से 11 को मुख्यमंत्री हेमंत के निर्देशानुसार राज्य वापस लाया गया। सभी श्रमिकों को श्रम विभाग द्वारा उनके घर भेज दिया गया, शेष 36 श्रमिकों की वापसी भी सुनिश्चित की जा रही है।’’
दर्ज की गई थी एफआईआर
जानकारी दे दें कि इस माह के शुरुआत में श्रम आयुक्त ने सीएम के निर्देश पर हजारीबाग, बोकारो और गिरिडीह पुलिस थानों में बिचौलियों और कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थीं। सीएम को शिकायत मिली थी कि इन मजदूरों को 3 माह से सैलरी नहीं दिया गया है। आगे कहा गया कि सरकार द्वारा कार्रवाई किए जाने के बाद मजदूरों को वेतन भुगतान की प्रक्रिया शुरू की गई।
आगे कहा गया है कि कंट्रोल रूम की टीम लगातार ईमेल और फोन के जरिए अधिकारियों, कंपनी और मजदूरों से संपर्क कर रही है और मजदूरों को कुल बकाया राशि 39.77 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। आरोप है कि नियोक्ताओं और बिचौलियों ने इन श्रमिकों को अंतर-राज्यीय प्रवासी श्रमिक (रोजगार विनियमन और सेवा शर्तें) अधिनियम, 1979 के तहत रजिस्टर किए बिना और जरूरी लाइसेंस हासिल किए बिना कैमरून भेज दिया।
(इनपुट- पीटीआई)