इंजीनियर राशिद को लेकर कश्मीर के लोगों की क्या है राय? 5 साल तिहाड़ में रहने के बाद मिली है बेल
इंजीनियर राशिद को उनकी विपक्षी पार्टी बीजेपी का प्रॉक्सी बता रही है, इधर आज राशिद को तिहाड़ से रिहा किया गया, जो रिहाई के बाद बारामूला में एक जनसभा संबोधित करने पहुंचे हैं।
5 साल तिहाड़ जेल में रहने के बाद आज इंजीनियर रशीद अंतरिम बेल पर रिहा होने के बाद बारामूला में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे। इस जनसभा में बड़ी संख्या में लोग इंजीनियर रशीद को सुनने पहुंचे, इसमें सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की दिखी। इधर विपक्षी पार्टी पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस ने रशीद को बीजेपी का प्रॉक्सी बताया है, हालांकि लोगों की राय इससे अलग है।
PDP और JKNC ने बताया बीजेपी का प्रॉक्सी
पीडीपी ने इंजीनियर रशीद को बीजेपी का प्रॉक्सी बताया है और कहा कि इसे वोट बांटने के लिए खड़ा किया गया है जिसका फायदा बीजेपी को मिलेगा। इधर उमर अब्दुल्ला ने भी इंजीनियर रशीद की रिहाई पर सवाल उठाए और कहा कि अरविंद केजरीवाल की रिहाई पर बीजेपी ने हंगामा शुरू किया था लेकिन रशीद की रिहाई पर खामोश है जो साबित करता है कि सब कुछ ठीक नहीं है।
लोगों ने क्या कहा?
इंडिया टीवी ने इस बारे लोगों से बात की और कहा कि इंजीनियर रशीद की रिहाई से उमर अब्दुल्ला और पीडीपी दोनों पार्टियों की ज़मीन खिसक गई और उनकी चिंता बढ़ गई है क्योंकि उन्होंने हमेशा लोगों को धोखा दिया है। लेकिन इंजीनियर रशीद वाहिद एक ऐसे नेता हैं जो लोगों के दुख और दर्द को समझते हैं। आपको बता दें कि लोक सभा चुनाव में इंजीनियर रशीद ने उमर अब्दुल्ला को हराया था और उसके बाद उतरी कश्मीर में आईपी के एक लहर दिख रही है।
तिहाड़ जेल से किए गए रिहा
दिल्ली की विशेष एनआईए अदालत से अंतरिम जमानत मिलने के बाद बारामुल्ला सांसद राशिद इंजीनियर को गुरुवार को तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया। यह जमानत आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले से संबंधित है। बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने राशिद इंजीनियर को रिहा तो कर दिया, लेकिन एक शर्त भी लगाई कि वह चल रहे मामले के बारे में मीडिया से बात नहीं कर सकेंगे। अंतरिम जमानत 2 अक्टूबर तक ही वैध है। इस बीच, उनकी नियमित जमानत याचिका पर फैसला 5 अक्टूबर, 2024 तक के लिए टाल दिया गया।
किस आरोप में हैं गिरफ्तार?
राशिद को इससे पहले 2005 में श्रीनगर में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप द्वारा आतंकवादियों का समर्थन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में आरोप हटा दिए गए थे। अगस्त 2019 में, उन्हें गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया था।
उमर अब्दुल्ला को भारी मतों से हराया था
गौरतलब है कि जेल में रहते हुए, राशिद इंजीनियर ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अपना नामांकन दाखिल किया और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराकर 2,04,000 वोटों के अंतर से जीत हासिल की।
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