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Hindi News जम्मू और कश्मीर सफेद समंदर बना कश्मीर, बर्फबारी के बाद घाटी में क्या है मौसम का ताजा हाल?

सफेद समंदर बना कश्मीर, बर्फबारी के बाद घाटी में क्या है मौसम का ताजा हाल?

कश्मीर के अधिकांश हिस्सों में हुई ताजा बर्फबारी हुई है और शीतलहर भी जारी है। कश्मीर इस समय भीषण ठंड की अवधि ‘चिल्ला ए-कलां’ की चपेट में है जो 21 दिसंबर से शुरू हुआ। ‘चिल्ला-ए-कलां’ 30 जनवरी को खत्म हो जाएगा, लेकिन शीतलहर जारी रहेगी।

srinagar- India TV Hindi Image Source : PTI श्रीनगर

श्रीगनर: कश्मीर में रातभर हुई बर्फबारी के बाद रात का तापमान कई डिग्री तक बढ़ गया, हालांकि पारा अब भी शून्य से नीचे है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। मौसम विभाग ने सोमवार और मंगलवार को कश्मीर समेत जम्मू संभाग के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में अच्छी खासी बर्फबारी की पूरी संभावना जताई है। जम्मू संभाग के मैदानी इलाकों में दो दिन तक काफी वर्षा के पूरे आसार हैं।

कहां-कितना रहा तापमान?

मौसम विभाग ने बताया कि श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 0.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि इससे पिछली रात को न्यूनतम तापमान शून्य से 2.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया था। उत्तरी कश्मीर में ‘स्कीइंग’ गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध पर्यटक स्थल गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, हालांकि यहां पिछली रात भी यही तापमान था।

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मौसम विभाग ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में न्यूनतम तापमान बढ़कर शून्य से 1.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि पिछली रात यह शून्य से 3.2 डिग्री नीचे था। काजीगुंड में न्यूनतम तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि पंपोर के कोनीबल में न्यूनतम तापमान शून्य से 1.0 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। विभाग ने बताया कि उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में न्यूनतम तापमान शून्य से 0.3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि दक्षिणी कश्मीर के कोकेरनाग में तापमान शून्य से 0.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।

‘चिल्ला ए-कलां’ की चपेट में कश्मीर

कश्मीर इस समय भीषण ठंड की अवधि ‘चिल्ला ए-कलां’ की चपेट में है जो 21 दिसंबर से शुरू हुआ। ‘चिल्ला-ए-कलां’ की 40 दिनों की अवधि के दौरान बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक होती है और तापमान काफी घट जाता है। ‘चिल्ला-ए-कलां’ 30 जनवरी को खत्म हो जाएगा, लेकिन शीतलहर जारी रहेगी। 40 दिनों के ‘चिल्ला-ए-कलां’ के बाद 20 दिवसीय ‘चिल्ला-ए-खुर्द’ और 10 दिन का ‘चिल्ला-ए-बच्चा’ भी होगा जब घाटी में ठंड में धीरे-धीरे कमी आएगी। (भाषा इनपुट्स के साथ)

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