जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल बाद विधानसभा चुनाव का आयोजन किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर से 370 हटने और लद्दाख के अलग होने के बाद ये पहला विधानसभा चुनाव है। सभी राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। इस बीच जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने ऐसा बयान दिया है जिसपर विवाद बढ़ सकता है। महबूबा ने कहा है कि अगर अब्दुल्ला खानदान ने पाकिस्तान का एजेंडा फॉलो किया होता तो आज कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा होता।
हम आजाद होते या फिर उस पार होते- महबूबा
श्रीनगर के पुराने शहर के नवाकदल में एक सभा में पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और भारत को कश्मीर के अब्दुल्ला खानदान का शुकरगुजार रहना चाहिए। अगर शेख अब्दुल्ला मुस्लिम बहुल होने के बावजूद भारत के साथ एक्सेशन न करते तो आज या तो हम आजाद होते या फिर उस पार यानी पाकिस्तान के साथ होते।
मुफ़्ती परिवार ने युवाओं को हिंसा से दूर रखा- महबूबा
महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा ये भी कि जब कश्मीर में आतंकवाद चरम पर था तब उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर के बारे में भारत का पक्ष पूरी दुनिया भर में फैलाया। महबूबा ने कहा कि मुफ़्ती परिवार ने कश्मीर में हुर्रियत के साथ बातचीत शुरू करवाई और युवाओं को हिंसा से दूर रखा।
कब-कब हैं चुनाव?
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों के तहत चुनाव होने हैं। तीन चरणों में पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को संपन्न हो गया है। राज्य में दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर और तीसरे चरण का मतदान 1 अक्टूबर को होना है। वहीं चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। आपको बता दें कि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल बाद चुनाव हो रहे हैं।
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