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Hindi News जम्मू और कश्मीर पहली बार दशहरा उत्सव में पहुंचे फारूक अब्दुल्ला ने किया बड़ा ऐलान, बोले- 'कश्मीरी पंडितों की घर वापसी का समय आ गया है'

पहली बार दशहरा उत्सव में पहुंचे फारूक अब्दुल्ला ने किया बड़ा ऐलान, बोले- 'कश्मीरी पंडितों की घर वापसी का समय आ गया है'

श्रीनगर में दशहरा उत्सव में शामिल होने के बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अब कश्मीरी पंडितों की घर वापसी का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए कि पंडित अपने घर लौट आएं।

दशहरा में पहुंचे फारूक अब्दुल्ला ने किया बड़ा ऐलान।- India TV Hindi Image Source : ANI दशहरा में पहुंचे फारूक अब्दुल्ला ने किया बड़ा ऐलान।

श्रीनगर: हाल ही में जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए हैं। नतीजे घोषित होने के बाद राज्य में नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार बनने वाली है। इससे पहले आज दशहरा के मौके पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बड़ा ऐलान किया है। दरअसल, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला पहली बार दशहरा उत्सव में शामिल होने के लिए पहुंचे। यहां वह श्रीनगर के एसके स्टेडियम में आयोजित दशहरा उत्सव में पहुंचे। कार्यक्रम में शामिल होने के बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अब कश्मीर पंडितों की घर वापसी का समय आ गया है। 

कश्मारी पंडित वापस आएं और अपना घर संभालें

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'मैं उम्मीद करूंगा कि हमारे भाई और बहन जो उस वक्त यहां से चले गए थे वो घर वापस आएं और अपने घर को संभालें। अबसे वक्त आ गया है, उनको घर वापस आना चाहिए। हम ना सिर्फ कश्मीरी पंडितों का सोचते हैं बल्कि हम जम्मू के लोगों का भी सोचते हैं। उनके साथ ही हमें अच्छा बर्ताव करना है, उनको भी ये महसूस होना चाहिए। नेशनल कॉन्फ्रेंस की हुकूमत उनकी दुश्मन नहीं है। हम भारतीय हैं और हम यहां सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं।' 

हिंदू भाइयों की कमी महसूस होती है

दशहरा उत्सव में पहली बार शामिल होने को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, 'मैं पहली बार आया हूं, क्योंकि मुझे पहले कभी नहीं बुलाया गया। आज उन्होंने मुझे याद किया और मैं यहां आ गया। मुझे बहुत अच्छा लगा। मैं अपने वालिद के जमाने में ये देखा करता था। उस वक्त वो ग्राउंड दूसरा था। उस वक्त इकबाल ग्राउंड में ये आयोजन हुआ करता था। तब हमारे हिंदू भाई भी बहुत थे, जो उसमें शामिल होते थे। आज उनकी कमी महसूस होती है। अल्लाह करे कि अगले साल वो कमी दूर हो जाए।'

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