जम्मू-कश्मीर: डाउनटाउन में इस क्लब ने बदली दी कई युवाओं की जिंदगी, पहले पत्थरबाजी, हिंसा और ड्रग्स के लिए था मशहूर
पत्थरबाजी हिंसा और ड्रग्स के नाम से महशूर श्रीनगर के डाउनटाउन के युवाओं ने शहर की तस्वीर बदल दी है। यहां के युवाओं से, जिन्होनें ड्रग्स का रास्ता छोड़कर खेल को गले लगाकर अपनी जिंदगी बदल दी है।
जम्मू-कश्मीर के शहर डाउनटाउन एक अच्छी खबर सामने आई है। जो शहर कभी पत्थरबाजी, हिंसा और ड्रग्स के लिए जाना जाता था वो आज एक खेल के लिए जाना जाने लगा है और इसका श्रेय हीरोज फुटबाल क्लब को जाता है। इस क्लब ने यहां कई युवाओं की ज़िंदगी बदल दी है। ये तो आपको भी पता होगा कि कश्मीर में आतंकवाद एक बड़ी समस्या हैं, यहां के युवाओं में तेजी से ड्रग्स की लत फैल रहे है जिसे रोकने के लिए 2 दोस्तों ने मिलकर फुटबॉल को एक मिसाल के रूप में पेश करने का निर्णय लिया और डाउनटाउन हीरोज़ फुटबॉल क्लब की स्थापना की। जानकारी दे दें कि डाउनटाउन एक ऐसा शहर जहां इतिहास, संस्कृति और वास्तुकला के कारण अपनी अमिट छाप छोड़ती है।
खेल ने बदली जिंदगी
डाउनटाउन की भूलभुलैया गलियों में नई पीढ़ी की इस स्थापना (फुटबॉल क्लब) ने यहां की तस्वीर बदल के रख दी है। इस क्लब में हमारी मुलाकात कई खिलाड़ियों से हुई जो डाउनटाउन फुटबॉल क्लब की स्थापना के बाद से खेल के मैदान में अपना भविष्य तलाशने लगे है। ये खिलाड़ी आज इस क्लब में नंबर 1 की पोजिशन पर खेल रहे हैं और दूसरों के लिए एक रोल मॉडल बने हुए हैं। खास बात ये है कि इस क्लब में खेलने वाले 99% युवा कश्मीर से हैं। इसमें से ज्यादातर डाउनटाउन से ही हैं। इंडिया टीवी से बात करते हुए टीम मैनेजमेंट ने कहा, "श्रीनगर डाउनटाउन हीरोज फुटबॉल क्लब बनाने का असल दो मकसद थे, एक यहां के युवाओं को नशे के दलदल से बाहर निकालना और दूसरा डाउनटाउन की असल और सच्ची तस्वीर को सामने लाना। इस क्लब की स्थापना 3 साल पहले की गई और इन 3 सालों में ये क्लब न सिर्फ कश्मीर का नंबर 1 क्लब बन गया, बल्कि क्लब ने कई ऐसे युवाओं की जिंदगी बदल दी है जो नशे को अपना जीवन समझते थे। आज वह फुटबॉल को गले लगाकर दुनिया के बेहतरीन खिलाड़ियों की तरह अपना और अपने देश का नाम रोशन करने के लिए फुटबॉल ग्राउंड पर पसीना बहाते हुए दिख रहे हैं।
कुछ खिलाड़ी पहले नशे के आदी थे
टीम मैनजमेंट ने बिना किसी खिलाड़ी का नाम लिए कहा उनकी टीम में 4 से 5 ऐसे युवा खिलाड़ी हैं जो पहले नशे के आदी थे, लेकिन आज वो एक बेहतरीन खिलाड़ी के रूप में मैदान में नज़र आ रहे हैं। टीम के इंचार्ज का कहना हैं कि डाउनटाउन को हमेशा गलत खबरों से जाना जाता था, इतना ही नहीं ड्रग्स के लिहाज़ से भी पहले नंबर पर था, लेकिन आज डाउनटाउन की खोई हुई पहचान दोबारा वापस लौट रही है,आज गर्व से लोग डाउनटाउन और यहां के युवाओं का नाम ले रहे हैं। मैनजमेंट ने दूसरे ऐसे युवाओं (जो नशे की आदी है) से भी अपील की है कि वो नशे को छोड़कर खेल को अपना जीवन बना लें। क्लब में डाउनटाउन के रहने वाले युवाओं का कहना हैं कि फुटबाल खेलना हमारा जूनून बन गया हैं, इससे लोगों के प्रति हमारा सम्मान बढ़ा है। हम जहां रहते हैं वहां सबसे ज्यादा लोग ड्रग्स लेते हैं, मैंने देखा हैं मेरे दोस्त भी ड्रग्स लेते हैं। मैं उन सभी लोगों से अपील करता हूं कि वो ड्रग्स को छोड़ कर खेल को अपना लें। इन युवाओं ने कहा हम ज़मीन पर थे, आज आसमान की बुलंदियों को छूने की कोशिश कर रहे हैं। इन खिलाड़यों का कहना हैं कि हमारी टीम में कई ऐसे खिलाड़ी थे जो नशा करते थे, लेकिन खेल को अपनाकर वो आज हमारे लिए एक रोल मॉडल बन गए हैं।
ड्रग्स से दूर रखने के लिए क्लब बनाया
क्लब के फाउंडर मेंबर हनन ने इंडिया टीवी से बात करते हुए कहा डाउनटाउन क्लब बनाने का असल मक़सद यह था कि हम सब डाउनटाउन से हैं, जो श्रीनगर का पहला शहर है और यह शहर अच्छी चीज़ों के लिए जाना जाता था। खासकर हमारा ट्रेडिशन, कल्चर और स्पोर्ट्स। हनन ने कहा डाउनटाउन में पहले से फुटबॉल का जूनून रहा है, उस खोयी हुई पहचान को दोबारा वापस लाने और यहां के युवाओं को ड्रग्स से दूर रखने के लिए यह क्लब बनाया गया है और इस क्लब का नाम इसलिए हीरोज रखा गया है क्योंकि हम यह साबित करना चाहते हैं कि डाउनटाउन के लोग गलत नहीं बल्कि यहां के हीरो हैं। 2020 में शुरू हुए इस क्लब का मक़सद न सिर्फ यहाँ के युवाओं को नशे से दूर रखने और डाउनटाउन की असल तस्वीर को दुनिया के सामान्य लाने का था, बल्कि कश्मीर में खेल को प्रमोट करके यहां के युवाओं को एक मंच मिले उस में यह क्लब सफल होता देख रहा हैं। ऐसे में इस क्लब की जितनी सराहना की जाए वो बहुत कम हैं।
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