कश्मीर के पहाड़ों पर पिछले 24 घंटों से लगातर बर्फबारी, 2 फरवरी तक जारी रहेगी स्नोफॉल
कश्मीर के पहाड़ों पर पिछले 24 घंटों से लगातर बर्फ़बारी हो रही है। मौसम विभाग ने 2 फरवरी तक पहाड़ी इलाकों के साथ-साथ मैदानी इलाकों में बर्फ़बारी और बारिश की संभावना जताई है।
कश्मीर में बर्फबारी से पर्यटन क्षेत्र की तबियत खुश दिख रही है। पर्यटकों और पर्यटन से जुड़े स्थानीय लोगों के चेहरे पर खुशी है। अच्छी बर्फबारी के अभाव में पर्यटन उद्योग पिछले कुछ महीनों से बुरी तरह प्रभावित था। लेकिन कश्मीर के खूबसूरत हिल स्टेशनों पर पिछले 24 घंटे से बार्फबारी हो रही है। हालांकि, 40 दिनों की कठोर सर्दियों वाले ‘चिल्ला-ए-कलां’ के अंत में बर्फबारी ने पर्यटकों और पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों को खुश कर दिया है। बच्चों सहित सैकड़ों पर्यटक गुलमर्ग और सोनमर्ग रिसॉर्ट्स में बर्फबारी का आनंद ले रहे हैं।
2 महीने पर्यटक पर भी थी सूखे की मार
पहलगाम, सोनमर्ग और गुलमर्ग कश्मीर के ऐसे खूबसूरत रिसॉर्ट्स हैं जो इस मौसम में देशी-विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद रहते हैं। लेकिन इस बार करीब 2 महीने तक सूखे के कारण पर्यटक बिना बर्फ देखे ही कश्मीर से निराश लौट रहे थे। यहां आने वाले कई पर्यटकों ने अपनी यात्रा रद्द कर दी थी। मगर पिछले 24 घंटे से हो रही बर्फबारी से ये वादियां एक बार फिर पर्यटकों की आमद से गुलजार हुई हैं।
इन इलाकों में सबसे जायदा बर्फ़बारी
गुलमर्ग, सोनमर्ग और पहलगाम के अलावा पिछले 24 घंटे से जिन इलाकों में सबसे जायदा बर्फ़बारी रिकॉर्ड की गई हैं, उनमें बांदीपुरा, कुपवाड़ा, मुगल रोड, ज़ोलजिला पास, पीरी की गली, अमरनाथ गुफा और नियंत्रण रेखा से सटे दर्जनों इलाके शामिल हैं। जबकी मैदानी इलाक़ों में कल रात से हल्की बारिश रुक-रुक कर हो रही है।
कब तक होती रहेगी बारिश और बर्फबारी
मौसम विभाग ने केंद्र शासित प्रदेश के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश या बर्फबारी की संभावना जताई है और अगले दो दिनों में कुपवाड़ा, बांदीपोरा, बारामूला, गांदरबल, शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग जिलों जैसे कुछ ऊपरी इलाकों में भारी बर्फबारी हो सकती है। मौसम विभाग ने 2 फरवरी तक मौसम के मिजाज बिगड़ने की आशंका जताई है। साथ ही साथ एक ट्रैफिक एडवाइजरी भी जारी की गई है, जिसमें मुगल रोड, सिंथन टॉप, ज़ोलजिला पास जैसे ऊंची पहुंच में लोगों से अपील की गई है कि बिना ट्रैफिक विभाग के इन रास्तों पर सफर न करें।
आपको बता दें कि कश्मीर में सर्दी के सबसे कठोर 40 दिन जिसे चिल्ला-ए-कलां कहा जाता है, वह 30 जनवरी को खत्म हो रहा है। इस पीरियड में सबसे ज्यादा बर्फबारी पहाड़ी इलाकों के साथ-साथ मैदानी इलाकों में देखी जाती थी। लेकिन इस बार चिल्ला-ए-कलां के अंत पर पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू हुई है।
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