Pampore Election Result 2024: पम्पोर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार की हुई जीत, PDP दूसरे नंबर पर
जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं और इसके नतीजों को लेकर एक आम कश्मीरी के साथ-साथ देश के बाकी हिस्सों के भी लोग खासे उत्साहित हैं।
पम्पोर: जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनावों के नतीजे आ गए हैं। यह चुनाव कुल 3 चरणों में हुआ था, जिसमें पहले चरण का चुनाव 18 सितंबर, दूसरे चरण का चुनाव 25 सितंबर और तीसरे चरण का चुनाव एक अक्टूबर को हुआ था। आज जम्मू एवं कश्मीर की पम्पोर सीट पर सभी की नजरें गड़ी हुई थी। जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार हसनैन मसूदी ने इस सीट पर अपना परचम लहरा दिया है और उन्होंने अपने करीबी प्रतिद्वंदी PDP उम्मीदवार जहूर अहमद मीर को 2763 मतों के अंतर से हराया है।
मुकाबला किसके बीच?
पम्पोर के चुनाव में कुल 14 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे थे, जिनमें से 7 निर्दलीय थे। इन चुनावों में बीजेपी से सैयद शौकत गयूर अंद्राबी, पैंथर्स पार्टी (भीम) से परवेज अहमद हजाम, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस से अर्शीद अहमद, पीडीपी से जहूर अहमद मीर, नेशनलिस्ट पीपुल्स फ्रंट से मशूक अहमद मीर, नेशनल कॉन्फ्रेंस से हसनैन मसूदी और अपनी पार्टी से मोहम्मद अल्ताफ मीर ताल ठोक रहे थे। बता दें कि इन चुनावों में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का गठबंधन है।
पम्पोर में कौन ज्यादा मजबूत?
जम्मू-कश्मीर में इस बार 10 साल के बाद चुनाव होने जा रहे हैं और पम्पोर एक ऐसी सीट है जिसके बारे में पहले से अंदाजा लगाना मुश्किल है। कभी यहां पर पीडीपी तो कभी नेशनल कॉन्फ्रेंस मजबूत दिखाई देती रही है, हालांकि लड़ाई टक्कर की ही होती रही है। मौजूदा चुनावों की बात करें तो नेशनल कॉन्फ्रेंस का कांग्रेस के साथ गठबंधन है और इसका उसे थोड़ा बहुत फायदा मिला भी है।
पम्पोर का चुनावी इतिहास
पम्पोर के चुनावी इतिहास को देखा जाए तो किसी एक पार्टी का इस पर प्रभुत्व नहीं रहा है। हालांकि पिछले कुछ चुनावों से पीडीपी जरूर बाकियों पर भारी पड़ी है। 1962 और 1967 के चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस, 1972 के चुनाव में कांग्रेस, 1977 से लेकर 1996 के चुनाव तक एक बार फिर नेशनल कॉन्फ्रेंस और 2002 के चुनाव से 2019 के चुनाव तक पुीडीपी के प्रत्याशियों ने इस सीट पर जीत दर्ज की है। ऐसे में कहा जा सकता है कि इस सीट पर कांटे की टक्कर होती रही है।
नतीजों पर पूरे देश की नजर
जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनाव के नतीजों पर पूरे देश की नजर है क्योंकि इस सूबे में 10 साल के बाद चुनाव हो रहे हैं। ऐसे में सियासी दलों के अलावा पूरे देश की जनता ये देखना चाहती है कि जम्मू कश्मीर की आवाम के मन में क्या है और वह किस पार्टी को अपना नेता मानती है। ये देखना दिलचस्प होगा कि जम्मू कश्मीर में ऊंट किस करवट बैठता है और 10 साल के बाद हुए चुनाव में कौन अपना परचम लहराता है।