जम्मू-कश्मीर के अब सभी स्कूलों में होगा राष्ट्रगान, सरकार ने जारी किया आदेश
जम्मू कश्मीर में सभी स्कूलों में अब सुबह-सुबह राष्ट्रगान किया जाएगा, साथ ही सुबह और कई सारी एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी भी की जाएगी।
जम्मू कश्मीर में सभी स्कूलों के लिए राष्ट्रगान जरूरी कर दिया गया है। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने एक सर्कुलर जारी कर यह आदेश दिया है। आदेश के मुताबिक, सभी स्कूलों में सुबह की सभा राष्ट्रगान के साथ शुरू होगी। सभा की अवधि 20 मिनट होगी। सर्कुलर में कहा गया कि स्कूल शुरू होते ही सुबह सकारात्मक तरीके से दिन की शुरुआत करने के लिए सभा में प्रार्थना करनी होगी।
सर्कुलर में कहा गया कि प्रार्थना सभा छात्रों के बीच एकता और अनुशासन की भावना पैदा करते हैं, ये छात्रों में नैतिक अखंडता, समाज के बीच एकता और मानसिक शांति को बढ़ावा देते हैं। हालांकि, यह देखा गया है कि इस तरह के महत्वपूर्ण परंपरा को जम्मू कश्मीर के कई स्कूलों में समान रूप से नहीं किया जा रहा है। इस कारण यह निर्देश सभी स्कूलों को दिए जा रहे हैं। यह सभी स्कूलों में सभी के लिए सामान रूप से मान्य होगी।
सभी स्कूलों के माननी होगी ये गाइडलाइन
- सुबह की सभा 20 मिनट की होगी और सभी छात्र और टीचर इसमें भाग लेंगे।
- फिर सुबह की सभा मानक प्रोटोकॉल के मुताबिक राष्ट्रगान के साथ शुरू होगी।
- इसके बाद NEP 2020 के मुताबिक, छात्रों के भीतर नेतृत्व गुष विकसित करने के लिए और उनके स्किल को बढ़ावा देने के लिए रोज 3 से 4 छात्र या फिर टीचर्स को अनिवार्य रूप से मोटिवेशनल या अवेयरनेस की बात करनी होगी।
यहां जानिए किन मुद्दों पर बात करनी होगी:
- महापुरुषों की जीवनी या आत्मकथा पर बात करनी होगी।
- रोजाना स्कूल के इवेंट्स, एक्टिविटी और जरूरी अनाउंसमेंट करनी होगी।
- रोजाना छात्रों को प्रेरित करने के लिए मोटिवेशनल स्पीच देनी होगी।
- हफ्ते या महीने में थीम रखनी होगी जैसे- हफ्ते या महीने में एक थीम रखनी होगी जिसमें छात्रों को पर्यावरण के प्रति जागरूक और दयालु होना बताया जाएगा।
- छात्रों की उपलब्धियों पर बात करनी होगी।
- चरित्र के बारे में शिक्षा देनी होगी, जिसमें उन्हें बुरा-भला, उनकी जिम्मेदारी, नागरिकता और संविधान की वैल्यू बताई जाएगी।
- स्ट्रेस मैनेजमेंट और हेल्थ टिप्स की जानकारी दी जानी चाहिए।
- सांस्कृतिक उत्सव के बारे में सीखना और जश्न मनाना, विभिन्ना संस्कृतियों पर बात की जानी चाहिए।
- गेस्ट स्पीकर बुलाए जाएं, जिसमें उन्हें स्किल और सोसाइटी के तौर तरीक सिखाए जाएं।
- कम्यूनिटी सर्विस प्रोजेक्ट दिए जाएं, जिसमें सामाजिक सेवा करवाई जाए।
- क्रिएटिव परफॉर्मेंस को लेकर छात्रों से बात की जाए, जिसमें नृत्य, संगीत आदि शामिल हो।
- सामान्य ज्ञान की बात की जाए।
- छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण पर बातचीत की जाए।
- पर्यावरण के प्रति जागरुक किया जाए।
- छात्रों के करियर और कॉलेज पर भी चर्चा होनी चाहिए।
- ड्रग्स को लेकर भी सचेत किया जाना चाहिए।
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