A
Hindi News जम्मू और कश्मीर J&K: शेख अब्दुल्ला की जयंती और 13 जुलाई छुट्टियों की लिस्ट से बाहर, छिड़ी बहस

J&K: शेख अब्दुल्ला की जयंती और 13 जुलाई छुट्टियों की लिस्ट से बाहर, छिड़ी बहस

वर्ष 1931 में डोगरा महाराजा के सैनिकों की गोलियों से शहीद हुए 23 सैनिकों की याद में 13 जुलाई को जम्मू-कश्मीर में सार्वजनिक छुट्टी रहती थी, जबकि पांच दिसंबर को NC के संस्थापक शेख अब्दुल्ला की जयंती के उपलक्ष्य में सार्वजनिक अवकाश होता था।

sheikh abdullah and nehru- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO शेख अब्दुल्ला और जवाहर जवाहरलाल नेहरू

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस (NC) ने 1931 के शहीदों की याद में और पार्टी के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की जयंती को छुट्टियों की सूची में शामिल नहीं करने के उपराज्यपाल के फैसले पर निराशा व्यक्त की है। नेशनल कांंफ्रेंस के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने रविवार देर रात ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आज की छुट्टियों की सूची और निर्णय कश्मीर के इतिहास और लोकतांत्रिक संघर्ष के प्रति भाजपा की उपेक्षा को दर्शाता है।’’

CM उमर अबदुल्ला ने दिया था ये संकेत

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस महीने की शुरुआत में संकेत दिया था कि अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद हटाई गई छुट्टियां बहाल की जाएंगी। सादिक ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद थी कि शेर-ए-कश्मीर शेख मोहम्मद अब्दुल्ला और 13 जुलाई के शहीदों जैसे नेताओं की याद में छुट्टियां शामिल की जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं होने से उनका महत्व या हमारी विरासत कम नहीं होगी। ये छुट्टियां एक दिन फिर से शुरू की जाएंगी।’’

2019 में LG ने खत्म की थी दोनों छुट्टियां

वर्ष 1931 में डोगरा महाराजा के सैनिकों की गोलियों से शहीद हुए 23 सैनिकों की याद में 13 जुलाई को जम्मू-कश्मीर में सार्वजनिक छुट्टी रहती थी, जबकि पांच दिसंबर को NC के संस्थापक शेख अब्दुल्ला की जयंती के उपलक्ष्य में सार्वजनिक अवकाश होता था। वर्ष 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद उपराज्यपाल प्रशासन द्वारा दोनों छुट्टियों को समाप्त कर दिया गया था। उपराज्यपाल प्रशासन द्वारा 2025 के लिए घोषित सार्वजनिक अवकाशों की सूची में ये दिन शामिल नहीं हैं। (भाषा इनपुट्स के साथ)

यह भी पढ़ें-