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Hindi News जम्मू और कश्मीर कुलगाम में कौन मारेगा बाजी? यहां से लगातार जीतते रहे प्रत्याशी को अपने पूर्व वफादारों से मिल रही चुनौती

कुलगाम में कौन मारेगा बाजी? यहां से लगातार जीतते रहे प्रत्याशी को अपने पूर्व वफादारों से मिल रही चुनौती

तारिगामी को सबसे बड़ी चुनौती उनके पूर्व विश्वासपात्रों से ही मिल रही है। पीडीपी उम्मीदवार मोहम्मद अमीर डार कभी उनके डिप्टी थे। जबकि उनके दूसरे विश्वासपात्र मोहम्मद अकीब डार अपनी पार्टी के उम्मीदवार हैं।

कुलगाम विधानसभा चुनाव 2024- India TV Hindi Image Source : INDIA TV कुलगाम विधानसभा चुनाव 2024

 श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 18 सितंबर को वोटिंग होगी। कुलगाम में भी पहले चरण में मतदान होगा। कुलगाम विधानसभा सीट से 10 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें से चार प्रत्याशी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। नेशनल पैंथर्स पार्टी के सुदर्शन सिंह, पीडीपी से मो. अमीन डार, सीपीआई (एम) से मो. यूसुफ तारिगामी, अमन और शांति तहरीक-ए-जम्मू और कश्मीर पार्टी से अब्दुल अहद मीर, अपनी पार्टी से मोहम्मद अकीब डार, जम्मू-कश्मीर पीपुल कांफ्रेंस से नजीर अहमद लावे चुनाव लड़ रहे हैं। सीपीआई (एम) का कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन है।

कुलगाम में किसका पलड़ा भारी

दक्षिण कश्मीर की कुलगाम सीट सीपीआई (एम) का गढ़ है। इस सीट का का प्रतिनिधित्व 1996 से लगातार सीपीआई (एम) के मोहम्मद यूसुफ तारिगामी कर रहे हैं। इस बार वह कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन के सर्वसम्मति से उम्मीदवार भी हैं। जबकि पीडीपी समेत अन्य पार्टियां भी चुनाव मैदान में हैं। यूसुफ तारिगामी अपने द्वारा किए गए विकास कार्यों के नाम पर वोट मांग रहे हैं तो विपक्षी पार्टियां क्षेत्र की समस्याओं को लेकर उनको घेर रही हैं।

तारिगामी को अपने पूर्व विश्वासपात्रों से मिल रही चुनौती

तारिगामी को सबसे बड़ी चुनौती उनके पूर्व विश्वासपात्रों से ही मिल रही है। पीडीपी उम्मीदवार मोहम्मद अमीर डार कभी उनके डिप्टी थे। जबकि उनके दूसरे विश्वासपात्र मोहम्मद अकीब डार अपनी पार्टी के उम्मीदवार हैं। अपने पूर्व वफादारों से मिल रही चुनौती का तारिगामी को भी एहसास है। अमीर डार और मोहम्मद अकीब डार किसी समय में तारिगामी के लिए काम करते थे। हालांकि अब उनकी राहें अलग हैं। 

कुलगाम का चुनावी इतिहास

कुलगाम विधानसभा सीट के चुनावी इतिहास की बात करें तो 1996 से 2014 तक सीपीएम लगातार कब्जा रहा है। 2014 में मो. यूसुफ तारिगामी ने जीत दर्द की थी। जबकि दूसरे नंबर पर पीडीपी के नजीर अहमद लावे थे। इस पर पीडीपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो दूसरी पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं। 1977 और 1983 में यहां पर नेशनल कांफ्रेंस चुनाव जीती थी। एक बार इस सीट से निर्दलीय चुनाव जीत चुका है। 1987 में निर्दलीय के हाथ बीजी लगी थी। बता दें कि यहां पर हुए चुनाव के रिजल्ट 8 अक्टूबर को आएंगे।