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Hindi News जम्मू और कश्मीर पुंछ और राजौरी में मोबाइल इंटरनेट बंद, आतंकियों को पकड़ने के लिए जारी है सर्च ऑपरेशन

पुंछ और राजौरी में मोबाइल इंटरनेट बंद, आतंकियों को पकड़ने के लिए जारी है सर्च ऑपरेशन

जम्मू कश्मीर के पुंछ और राजौरी सेक्टर में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। कल आतंकियों ने घात लगाकर सेना के वाहनों पर हमला किया। इस हमले में चार जवान शहीद हो गए। इन आतंकियों को ढूंड निकालने के लिए सेना का सर्च ऑपरेशन जारी है।

poonch army- India TV Hindi Image Source : PTI पुंछ में आतंकी हमले के बाद सेना के जवान घेराबंदी और तलाशी अभियान करते हुए

जम्मू कश्मीर के पुंछ और राजौरी में आज से इंटरनेट बंद कर दिया गया है। बता दें कि राजौरी सेक्टर के डेरा की गली के जंगलों में गुरुवार को आतंकवादियों ने सेना के चार जवानों की हत्या कर दी थी। इसके बाद से ही आतंकियों ढूंड निकालने के लिए बड़े पैमाने पर इलाके में तलाशी अभियान जारी है। गुरुवार शाम हुए आतंकी हमले में सेना के चार जवान शहीद हो गए जबकि तीन अन्य घायल हो गए। अब सर्च ऑपरेशन के बीच पुंछ और राजौरी में मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया है।

बड़े पैमाने पर चल रहा है सर्च ऑपरेशन

इतने बड़े आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों ने शुक्रवार को इलाके के वन क्षेत्र में व्यापक घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू कर दिया। सेना के एक अधिकारी ने कहा कि इलाके की हवाई निगरानी भी की जा रही है और आतंकवादियों का पता लगाने के लिए डॉग स्क्वाड को भी लगाया गया है। एक अधिकारी ने बताया, "इलाके में रात की घेराबंदी के बाद आज सुबह व्यापक घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू हो गया है।" उन्होंने बताया कि अभियान अभी भी जारी है। उन्होंने कहा कि गोलीबारी में शामिल आतंकवादियों का पता लगाने के लिए क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया है।

आतंकवादियों ने घात लगाकर हमला किया 

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में गुरुवार को हथियारों से लैस आतंकवादियों ने सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर हमला किया था। माना जा रहा है कि तीन से चार की संख्या में हथियारबंद आतंकवादियों ने पहाड़ों से सेना के वाहनों को निशाना बनाने के लिए इस क्षेत्र को चुना था। अधिकारियों ने बताया कि हमले के बाद आतंकियों ने कथित तौर सैनिकों के हथियार भी लूट लिए। रक्षा अधिकारियों का कहना है कि इस इलाक में पिछले दो महीनों में यह दूसरी घटना है। यह क्षेत्र हाल तक शांतिपूर्ण था। पिछले दो सालों के दौरान यहां 35 सैनिक शहीद हुए हैं।

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