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Hindi News जम्मू और कश्मीर संसद के लिए निर्वाचित होने पर महबूबा मुफ्ती UAPA के खिलाफ आम सहमति बनाएंगी: वहीद पारा

संसद के लिए निर्वाचित होने पर महबूबा मुफ्ती UAPA के खिलाफ आम सहमति बनाएंगी: वहीद पारा

वहीद पारा ने दक्षिण कश्मीर में अपनी पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के लिए एक प्रचार अभियान कार्यक्रम में यूएपीए से जुड़े ‘‘चिंताजनक आंकड़ों’’ पर प्रकाश डाला और इसके कथित दुरुपयोग और कम सजा दर का हवाला दिया।

Mehbooba Mufti - India TV Hindi Image Source : PTI महबूबा मुफ्ती

अनंतनाग (कश्मीर): पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की युवा शाखा के अध्यक्ष वहीद उर रहमान पारा ने कहा कि पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) को निरस्त करने के लिए समर्थन जुटाएंगी। महबूबा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। नवंबर, 2020 में एक आतंकवादी साजिश मामले में गिरफ्तारी के बाद 18 महीने की जेल की सजा काट चुके पारा ने यूएपीए की निंदा की और दावा किया कि इससे बुनियादी अधिकारों का उल्लंघन होता है और बिना मुकदमे के लंबे समय तक हिरासत में रखने से लोकतांत्रिक मूल्यों को ठेस पहुंचती है।

UAPA को निरस्त करने की प्रतिबद्धता पर दिया जोर 

पारा ने दक्षिण कश्मीर में अपनी पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के लिए एक प्रचार अभियान कार्यक्रम में यूएपीए से जुड़े ‘‘चिंताजनक आंकड़ों’’ पर प्रकाश डाला और इसके कथित दुरुपयोग और कम सजा दर का हवाला दिया। उन्होंने कानून को निरस्त करने संबंधी मुफ्ती की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। श्रीनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे पारा ने कहा, ‘‘निर्वाचित होने पर महबूबा इस कानून को निरस्त करने की दिशा में काम करेंगी, जिसे सत्ता के घोर दुरुपयोग के रूप में देखा जाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यूएपीए से लोकतांत्रिक सिद्धांत कमजोर होते हैं, बिना मुकदमे के लंबे समय तक हिरासत में रखने की अनुमति मिलती है और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है।’’

जेल में बंद युवाओं के साथ एकजुटता व्यक्त की

पारा ने शांति को बढ़ावा देने और समाज में विश्वास बहाली की दिशा में एक कदम के रूप में कानून को रद्द करने की वकालत की। उन्होंने यूएपीए और सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) जैसे कड़े कानूनों के तहत हिरासत में लिए गए कश्मीरी युवाओं की रिहाई का समर्थन करने का संकल्प लिया। पारा ने जेल में बंद युवाओं के साथ एकजुटता व्यक्त की और उनकी आवाज को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने की प्रतिबद्धता जताई।

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