A
Hindi News जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के स्थापना दिवस पर भड़कीं महबूबा मुफ्ती, बताया- काला दिन, कांग्रेस नेता ने कही ये बात

केंद्र शासित प्रदेश के स्थापना दिवस पर भड़कीं महबूबा मुफ्ती, बताया- काला दिन, कांग्रेस नेता ने कही ये बात

पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह दिन विकास का नहीं, बल्कि वंचित होने का प्रतीक है। जम्मू-कश्मीर की कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने भी केंद्र शासित प्रदेश के स्थापना दिवस को काला दिन करार दिया।

महबूबा मुफ्ती- India TV Hindi Image Source : PTI महबूबा मुफ्ती

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश का स्थापना दिवस जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए 'काला दिन' है। उन्होंने कहा कि यह दिन विकास का नहीं, बल्कि वंचित होने का प्रतीक है। जम्मू-कश्मीर की कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने भी केंद्र शासित प्रदेश के स्थापना दिवस को काला दिन करार दिया और कहा कि लोगों से इसे मनाने की उम्मीद करना बहुत अधिक मांग लेना है।

उपराज्यपाल प्रशासन ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश का पांचवां स्थापना दिवस मनाया। महबूबा मुफ्ती ने पुलवामा में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा, "जम्मू-कश्मीर के साथ जो हुआ, वह पहले कहीं नहीं हुआ। मैं उपराज्यपाल से कहना चाहती हूं कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए और खासकर पीडीपी के लिए आज का दिन काला दिन है और हम इसे तब तक काला दिन मानेंगे, जब तक जम्मू-कश्मीर के विशेषाधिकार बहाल नहीं हो जाते।"

"31 अक्टूबर जश्न का दिन नहीं"

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी तब तक अपना संघर्ष जारी रखेगी जब तक कश्मीर मुद्दा सम्मान के साथ शांति स्थापित करने के लिए हल नहीं हो जाता। बाद में एक बयान में मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए 31 अक्टूबर जश्न का दिन नहीं है। उन्होंने कहा, "पार्टी इस तारीख को केंद्र शासित प्रदेश के तथाकथित 'स्थापना दिवस' के रूप में दृढ़ता से खारिज करती है। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों की इच्छा, पहचान और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करने में विफल है।"

"केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा थोपना कोई प्रगतिशील कदम नहीं"

मुफ्ती ने इस बात पर जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर पर केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा थोपना कोई प्रगतिशील कदम नहीं है, बल्कि अधिकार छीनने का एक अन्यायपूर्ण कार्य है। उन्होंने कहा कि 05 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 और 35A को निरस्त करने से संवैधानिक सुरक्षा उपाय हट गए, जो लंबे समय से जम्मू-कश्मीर की विशिष्ट पहचान, अधिकारों और संसाधनों की रक्षा कर रहे थे। घाटी स्थित मुख्यधारा के राजनीतिक दलों ने केंद्र शासित प्रदेश के स्थापना दिवस मनाए जाने के लिए उपराज्यपाल प्रशासन की आलोचना की और वे कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। 

सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस समेत पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद गनी लोन और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने इसमें शिरकत नहीं की। उन्होंने कहा कि लोगों द्वारा स्पष्ट रूप से इसके खिलाफ मतदान करने के बावजूद प्रशासन ने कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। कांग्रेस अध्यक्ष तारिक ने कहा कि कांग्रेस ऐसे किसी भी आयोजन का हिस्सा नहीं होगी जो संवैधानिक व्यवस्था का मजाक उड़ाता हो। (भाषा)

ये भी पढ़ें-

पंजाब की 4 सीटों पर उपचुनाव, चुनावी मैदान में होंगे 3 महिला समेत 45 प्रत्याशी

दिवाली पर बड़ा हादसा, बोकारो में पटाखे की 66 दुकानें जलीं, तो दिल्ली में 2 लोग झुलसे, आंध्र में 1 की मौत