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Hindi News जम्मू और कश्मीर श्रीनगर में दो दशक बाद रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग, बेखौफ होकर लोगों ने किया मतदान

श्रीनगर में दो दशक बाद रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग, बेखौफ होकर लोगों ने किया मतदान

Lok Sabha Elections 2024: श्रीनगर लोकसभा सीट पर चौथे चरण में वोटिंग संपन्न हो गई। इस दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। आर्टिकल-370 निरस्त होने के बाद श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र में पहला आम चुनाव हुआ।

श्रीनगर में वोटिंग संपन्न- India TV Hindi Image Source : PTI श्रीनगर में वोटिंग संपन्न

Lok Sabha Elections 2024: जम्मू-कश्मीर की श्रीनगर लोकसभा सीट पर सोमवार को मतदान के दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। यहां 38 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 1996 के बाद सबसे अधिक मतदान है। इससे पहले 1996 में जम्मू-कश्मीर में इस सीट पर लगभग 41 प्रतिशत मतदान हुआ था। जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के आर्टिकल-370 को निरस्त किए जाने के बाद श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र में पहला आम चुनाव हुआ। 

"युवाओं के लिए बहुत अच्छी बात"

निर्वाचन आयोग के मुताबिक, वहां सोमवार रात 11 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार 38 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्साहजनक मतदान के लिए श्रीनगर के मतदाताओं की सराहना की। उन्होंने कहा, "अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने से लोगों की क्षमता और आकांक्षाओं को पूर्ण अभिव्यक्ति मिल सकी है। यह जमीनी स्तर पर हो रहा है और यह जम्मू-कश्मीर के लोगों, विशेष रूप से युवाओं के लिए बहुत अच्छी बात है।" 

ऐतिहासिक मतदान के लिए बधाई

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और राजनीतिक दलों ने श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को इस ऐतिहासिक मतदान के लिए बधाई दी। निर्वाचन क्षेत्र के कश्मीरी पंडित जम्मू में विशेष मतदान केंद्रों पर पहुंचे और उन्होंने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मोर्चों पर अपने समुदाय के पुनर्वास के लिए मतदान किया। श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र के तहत श्रीनगर, गांदेरबल, पुलवामा जिले, बडगाम व शोपियां जिलों में 2,135 मतदान केंद्रों पर सुबह 7:00 बजे मतदान शुरू हुआ। 

1996 में सबसे अधिक मतदान

निर्वाचन आयोग के मुताबिक, पिछले 34 साल में इस निर्वाचन क्षेत्र में सबसे अधिक मतदान 1996 में हुआ था। उस समय लगभग 41 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था। बयान में कहा गया है कि 2019 में 14.43 प्रतिशत वोट पड़े थे, जबकि पिछले संसदीय चुनावों में यह आंकड़ा 25.86 प्रतिशत (2014), 25.55 प्रतिशत (2009), 18.57 प्रतिशत (2004), 11.93 प्रतिशत (1999) और 30.06 प्रतिशत (1998) था। (भाषा)

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