Lok Sabha Election 2024: बारामूला से नामांकन कर बोले उमर अब्दुल्ला- पाकिस्तान के जनरलों को हराया, अब दिल्ली की सत्ता से लड़ रहा
नामांकन के बाद उमर अब्दुल्ला ने भारी बहुमत से जीत का दावा किया। बारामूला में 20 मई को मतदान होना है। उन्होंने नामांकन से पहले समर्थकों की भीड़ जुटाकर शक्ति प्रदर्शन भी किया।
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बारामूला सीट से नामांकन किया। बारामूला में 20 मई को मतदान होना है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष ने वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों के साथ रिटर्निंग ऑफिसर मिंगा शेरपा के समक्ष नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद भारी बहुमत से जीत का दावा किया। नामांकन दाखिल करने के समारोह में साथी और इंडिया ब्लॉक के समर्थकों ने एकजुटता दिखाई, जिससे जम्मू-कश्मीर में एक प्रमुख राजनीतिक व्यक्ति के रूप में उमर की प्रतिष्ठा और क्षेत्र में उनकी मजबूत पकड़ की पुष्टि हुई।
श्रीनगर से बारामूला की ओर जाते हुए उमर ने कहा कि उन्हें भारी बहुमत से सीट जीतने की उम्मीद है। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद गनी लोन और स्वतंत्र उम्मीदवार इंजीनियर राशिद जैसे प्रमुख व्यक्तियों सहित कुल 11 उम्मीदवारों ने बारामूला में चुनावी मैदान के लिए अपने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं। उमर के लिए यह चुनाव जीतना बेहद जरूरी है। अगर उन्हें अपना और अपने दल का राजनीतिक अस्तित्व और भविष्य बचना है।
मेरी लड़ाई किसी व्यक्ति या पार्टी से नहीं
उमर अब्दुल्ला ने नामांकन भरने के बाद कहा "मैंने पाकिस्तान के जनरलों के खिलाफ चुनाव लड़ा और जीता और अब मैं अपने लोगों के लिए दिल्ली की सत्ता के खिलाफ लड़ रहा हूं। मेरी गारंटी है, चीनी गारंटी नहीं जो कुछ दूसरे दे रहे हैं। यह शुद्ध कश्मीरी गारंटी है। हम श्रीनगर से दो गाड़ियों में सवार होकर निकले थे, लेकिन यहां एक बड़ी रैली के रूप में पहुंचे। इतना बड़ा उत्साह देखकर, मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर वे अनंतनाग की तरह बारामूला में भी चुनाव स्थगित कर दें। लेकिन जब भी चुनाव होंगे, हम जीतेंगे। मतदाताओं को 20 मई को तय करना है कि वे अपना उम्मीदवार दिल्ली भेजना चाहते हैं या दिल्ली के प्रतिनिधि को बारामुल्ला भेजना चाहते हैं। मेरी लड़ाई किसी व्यक्ति या पार्टी से नहीं है, बल्कि दिल्ली की सरकार और नागपुर के आरएसएस से है जो भारत गठबंधन को हराना चाहते हैं।"
संसद में आपके अधिकारों के लिए लड़ूंगा
उन्होंने कहा "1947 में हमारे पास कोई अधिकार नहीं थे और 2019 के बाद हम उसी जगह पर पहुंच गए हैं। और जब मैं संसद में पहुंचूंगा तो लोगों के अधिकारों की वापसी के लिए लड़ूंगा। यह रैली तो बस ट्रेलर है और पूरी तस्वीर मतदान के दिन दिखाई जाएगी। मैं 20 साल बाद संसद का चुनाव लड़ रहा हूं, 10 साल बाद कोई चुनाव लड़ रहा हूं और 25 साल से राजनीति में हूं, लेकिन मैंने ऐसा उत्साह कभी नहीं देखा। मेरी लोगों और कार्यकर्ताओं से एक ही गुजारिश है कि आप 20 मई तक काम करें और उसके बाद अगले पांच साल मैं आपके लिए काम करूंगा और लड़ूंगा।"
नेशनल कांफ्रेंस ने कभी यहां के लोगों का सौदा नहीं किया
इंडिया टीवी से बात करते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के दोनों बेटे जमीर अब्दुल्ला और जहीर अब्दुल्ला ने अपने पिता उमर अब्दुल्ला के नामांकन पत्र दाखिल करने पर कहा। "हम बहुत खुश है। जमीर ने कहा, मैं अपने पिता के लिए किस तरह से परकार करूंगा यह वक्त आने पर पता चलेगा। इसके बारे में फिलहाल कुछ नहीं बताऊंगा। इंशाल्लाह मैं अपने पिता के लिए प्रचार जरूर करूंगा।" जमीर ने कहा, "सियासत में आने का कोई भी इरादा नहीं है। लेकिन साथ ही यह भी कहा कि नेशनल कांफ्रेंस ने कभी यहां के लोगों का सौदा नहीं किया। हम आज भी यहां के लोगों के साथ खड़े हैं। हम कभी भी यहां के लोगों का साथ नहीं छोड़ेंगे। चाहे हमें जेल ही भेज दे हम हमेशा लोगों के साथ और लोग हमारे साथ खड़े रहेंगे।"
वही इंडिया टीवी से बात करते हुए जहीर अब्दुल्ला ने कहा, "लोग 20 मई को मैसेज देंगे, जब उमर अब्दुल्ला यहां से चुनाव जीत कर आएंगे। जहीर ने कहा, वोट डालने का अधिकार सबको है। सब को अपना वोट डालना चाहिए और यह साबित करना चाहिए की 2019 का फैसला जो मुंह कश्मीर के लोगों को कबूल नहीं है।"
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