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Hindi News जम्मू और कश्मीर आतंकवादियों की मदद करना पड़ गया भारी, NIA ने अनंतनाग में लिया ये बड़ा एक्शन

आतंकवादियों की मदद करना पड़ गया भारी, NIA ने अनंतनाग में लिया ये बड़ा एक्शन

जम्मू कश्मीर में NIA ने 13 सितंबर 2023 को कोकरनाग के गुरी नाद में हुई मुठभेड़ से जुड़े मामले में मुख्य आरोपी की संपत्ति कुर्क कर ली। इस मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा का एक आतंकी मारा गया था, जबकि 4 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे।

Kokernag Encounter Case, Kokernag Encounter, Kokernag Encounter Case NIA- India TV Hindi Image Source : PTI REPRESENTATIONAL IMAGE NIA ने आतंकियों के मददगारों की प्रॉपर्टी को कुर्क कर लिया।

श्रीनगर: जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादियों की मदद करना उनके मददगारों को काफी भारी पड़ गया है। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण यानी कि NIA ने एक मुठभेड़ से जुड़े मामले में मुख्य आरोपी की संपत्ति शुक्रवार को कुर्क कर ली। बता दें कि इस मुठभेड़ में लश्कर ए तैयबा का एक आतंकी मारा गया था, जबकि 4 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच यह मुठभेड़ 13 सितंबर 2023 को कोकरनाग के गडोले वन क्षेत्र के गुरी नाद में हुई थी।

हालपोरा में कुर्क हुई 19 मरला जमीन

आतंकवादियों के साथ हुई इस मुठभेड़ में सेना की 19 राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोंचक, जम्मू-कश्मीर पुलिस के डिप्टी एसपी हुमायूं भट और एक अन्य जवान की शहादत हुई थी। एक हफ्ते तक चले इस ऑपरेशन में सेना ने लश्कर ए तैयबा के आतंकवादी उजैर खान को मार गिराया था। अधिकारियों ने बताया कि हमले से जुड़े एक मामले में NIA ने दक्षिण कश्मीर जिले में कोकरनाग के हालपोरा इलाके में 19 मरला जमीन कुर्क की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह संपत्ति हालपोरा के रहने वाले आतंकवादियों के मददगार मोहम्मद अकबर डार की है।

20 सितंबर को हुई थी डार की गिरफ्तारी

NIA के मुताबिक, डार ने मारे गए आतंकी उजैर खान की मदद की थी। उसने आतंकी को रसद सहायता, आश्रय, भोजन और खुफिया जानकारी मुहैया कराई थी। एजेंसी ने बताया कि यह संपत्ति UAPA की धारा 25 के उपखंड (एक) के तहत कुर्क की गई है। NIA के मुताबिक, डार को 20 सितंबर 2023 को उसके घर से AK-47 की 40 गोलियां और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद होने के बाद शिकंजे में लिया गया था। एजेंसी ने बताया कि डार के खिलाफ मार्च 2024 में जम्मू स्थित NIA की विशेष अदालत में तत्कालीन भारतीय दंड संहिता (IPC), सशस्त्र अधिनियम और UAPA की विभिन्न धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की गई थी। (भाषा)