देश में अंग्रेजों के जमाने के बनाए गए कानून अब खत्म हो चुके हैं और उनकी जगह नए कानून ने ले ली है। तीन नए आपराधिक कानूनों को लेकर जेकेएनसी के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा, "कोई भी कानून बुरा नहीं है। यह समस्या यह है कि कानूनों को कैसे लागू किया जाता है। पिछले कानूनों का दुरुपयोग होने की उतनी गुंजाइश नहीं थी, जितनी नए कानूनों की है। हम चाहते थे कि इन चुनावों के बाद एक नई सरकार बने ताकि इन कानूनों पर विचार विमर्श किया जा सके। हमें उम्मीद है कि एनडीए के सदस्य इन कानूनों के बारे में सोचेंगे और उनपर चर्चा होगी।"
उमर अब्दुल्ला बोले- पहले नए कानून का इस्तेमाल जम्मू कश्मीर में होगा
उन्होंने कहा कि सभी कानूनों का इस्तेमाल पहले जम्मू कश्मीर के लोगों के खिलाफ किया जाता है और फिर उनका असर दूसरे मुल्कों पर होता है। जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के बाद, राज्य में एक नई सरकार, लोगों की सरकार बनेगी। फिर हम देखेंगे कि इन कानूनों का जम्मू कश्मीर में कहां इस्तेमाल होता है। बता दें कि नए कानून पुराने कानूनों की जगह लेंगे। इस मामले पर सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के लागू होने के बाद उच्चतम न्यायालय के स्तर तक सभी मामलों में न्याय केस दर्ज होने के तीन साल के भीतर मिलेगा।
अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही ये बात
उन्होंने कहा प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करत हुए उम्मीद जताई कि इससे भविष्य में अपराधों में कमी आएगी और नए कानूनों के तहत 90 फीसदी मामलों में दोषसिद्धि होगी। बता दें कि भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 सोमवार से पूरे देश में लागू हो चुका है। बता दें कि इन कानूनों को लेकर लोकसभा में आज तीखी बहस देखने को मिली। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर खूब हमला बोला। इस दौरान उन्होंने कहा कि किसानों को एमएसपी की लीगल गारंटी चाहिए, जो कि सरकार उन्हें दे नहीं रही है।