जम्मू कश्मीर चुनाव: दिग्गज नेताओं के घराने से इस बार नए चेहरों पर खेला गया दांव, महबूबा की बेटी का भी है नाम
जम्मू कश्मीर चुनाव में इस बार कई नए चेहरे दांव अजमा रहे हैं, इनमें से कुछ रसूखदार राजनीतिक घराने से हैं। आइए जानते हैं इनके नाम...
10 साल के लंबे इंतजार के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। इस बार यह पूर्ण राज्य न होकर केंद्रशासित राज्य के तौर पर बन गया है। केंद्रशासित राज्य के तौर पर यह जम्मू-कश्मीर में पहला चुनाव है। इस बार के चुनाव में कई पुराने राजनेताओं ने अपनी जगह अपने बेटे-बेटियों या करीबी रिश्तेदारों को मैदान में उतारा है। इससे कई राजनीतिक परिवारों में राजनीति की बागडोर नई पीढ़ी के हाथों में आ गई है, जिसमें पूर्व मंत्रियों, विधायकों और राजनीतिक नेताओं के बच्चे इस विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं इनके नाम...
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रत्याशी इल्तिजा मुफ्ती
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती की 35 वर्षीय बेटी इल्तिजा मुफ़्ती नेशनल कॉन्फ़्रेंस के बशीर अहमद वीरी के साथ सीधे मुकाबले में अपनी पहली राजनीतिक चुनाव का सामना करने जा रही है। इल्तिजा मुफ्ती पहने राजनीतिक विरासत वाले सीट बिजबेहरा से तुनाव मैदान में हैं। बिजबेहरा को मुफ़्तियों का गढ़ माना जाता है और पीडीपी पिछले 28 सालों से इस सीट पर जीतती आ रही है। उनकी माँ महबूबा मुफ़्ती ने साल 1996 में कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा सीट जीती थी। महबूबा के पिता और इल्तिजा के दादा मुफ़्ती मोहम्मद सईद ने 1967 में बिजबेहरा से चुनाव जीता था।
इल्तिजा ने प्रचार के दौरान जनता से कहा, "मैं आपका प्रतिनिधित्व करने और आपकी समस्याओं का समाधान करने के लिए यहाँ आई हूँ। मुझे उम्मीद है कि जिस तरह से आपने मेरे दादा और मेरी माँ का समर्थन किया, आप मुझे भी वैसा ही समर्थन देंगे।"
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रत्याशी सज्जाद शफी
शफी राज्य के सबसे ताकतवर राजनीतिक नेताओं में से एक मोहम्मद शफी के बेटे हैं, जिन्होंने मंत्री और सांसद के रूप में काम किया है। पेशे से डॉक्टर, राजनीति को लेकर उनमें जुनून है और पिछले एक दशक से वे चुनावों की तैयारी कर रहे हैं और उरी के गाँव-गाँव घूम रहे हैं, खासकर उन इलाकों में जो खतरनाक हैं और एलओसी पर हैं। वर्तमान में नेशनल कॉन्फ्रेंस के जिला अध्यक्ष, शफी एक सुलझे हुए राजनेता हैं जिन्होंने अपने पिता से राजनीति की बारीकियाँ सीखी हैं। सज्जाद शफी को नेशनल कॉन्फ्रेंस ने उरी से टिकट दिया है।
पीडीपी के प्रत्याशी यावर शफी बंदे
शोपियां से दो बार विधायक रहे मोहम्मद शफी बंदे के 38 वर्षीय पोते यावर शफी बंदे तीन साल पहले ही पीडीपी में शामिल हुए थे। यावर शफी शोपियां से अपना पहला चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, "जब ज़्यादातर नेता किसी न किसी कारण से पार्टी छोड़ रहे थे, तो मैंने इस संगठन का हिस्सा बनने का फ़ैसला किया और शोपियां से चुनाव लड़ने का सौभाग्य मिला।"
पीडीपी के प्रत्याशी मोहम्मद रफीक नाइक
जम्मू-कश्मीर विधानसभा के पूर्व मंत्री और स्पीकर अली मोहम्मद नाइक के बेटे नाइक हाल ही में पीडीपी में शामिल हुए हैं। मोहम्मद रफीक नाइक त्राल से चुनाव लड़ रहे हैं। नामांकन दाखिल करने के तुरंत बाद नाइक ने कहा, "हमारे निर्वाचन क्षेत्र को नजरअंदाज किया गया है। मैं यहां अपने लोगों का प्रतिनिधित्व करने और विधानसभा में उनके मुद्दों को उठाने के लिए आया हूं।" नाइक एक सरकारी कर्मचारी थे और इसी साल रिटायर हुए।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रत्याशी इरशाद रसूल कर
56 वर्षीय इरशाद रसूल कर पूर्व सांसद गुलाम रसूल कर के बेटे हैं। इरशाद रसूल पेशे से व्यवसायी हैं, ये पांच साल पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए थे। एनसी ने सोपोर सीट से इनको टिकट दिया है और यहां उनका सीधा मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व विधानसभा सदस्य हाजी अब्दुल रशीद से होगा।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रत्याशी मियां मेहर अली
35 वर्षीय मियां मेहर अली, सांसद मियां अल्ताफ अहमद के बेटे हैं और कंगन के एक शक्तिशाली धार्मिक राजनीतिक परिवार से हैं। उनके पिता, दादा और परदादा सभी राजनीति में रहे हैं। इस बार कंगन सीट से नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रत्याशी हैं। मियां मेहर अली ने जनता से कहा, "मैं राजनीति में नया नहीं हूँ। हमारा परिवार पीढ़ियों से राजनीति में है। हालाँकि मैं अपने क्षेत्र के लोगों के लिए काम करता रहा हूँ, लेकिन अब ज़िम्मेदारी मुझ पर ज़्यादा होगी।"
एनसी के प्रत्याशी सलमान सागर
40 वर्षीय सलमान सागर नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव और पूर्व मंत्री अली मोहम्मद सागर के बेटे हैं। वे कई सालों तक श्रीनगर नगर निगम (एसएमसी) के पार्षद रहे। इस बार सलमान सागर को श्रीनगर शहर से टिकट दिया गया है। बता दें कि इस सीट से उनके पिता को भी टिकट मिला था।
एनसी के प्रत्याशी अहसान परदेसी
पूर्व विधायक गुलाम कादिर परदेसी के बेटे अहसान परदेसी को नेशनल कॉन्फ्रेंस ने लाल चौक निर्वाचन क्षेत्र से टिकट दिया है, इस क्षेत्र में वे सालों से जनता के लिए काम कर रहे हैं।
एनसी के प्रत्याशी तनवीर सादिक, एनसी, ज़ादीबल
सादिक पूर्व नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक सादिक अली के बेटे हैं जो उमर अब्दुल्ला के सलाहकार भी रहे हैं। वे वर्तमान में पार्टी में मुख्य प्रवक्ता और संचार के प्रभारी हैं। सादिक पार्टी के विचारों को उजागर करने वाले प्रमुख स्थानीय और राष्ट्रीय दैनिकों के लिए लिखते हैं। वे दो बार पार्षद रह चुके हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इन्हें ज़ादीबल से टिकट दिया है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रत्याशी हिलाल अकबर लोन
पेशे से वकील हिलाल अकबर लोन नेशनल कॉन्फ्रेंस की टिकट पर सोनावारी विधानसभा क्षेत्र से अपना पहला चुनाव लड़ेंगे। वे पूर्व सांसद, मंत्री और जम्मू-कश्मीर विधानसभा के स्पीकर अकबर लोन के बेटे हैं। युवा वकील एक दशक से भी ज़्यादा समय से राजनीतिक रूप से सक्रिय हैं, लेकिन यह उनका पहला राजनीतिक चुनाव होगा, इस निर्वाचन क्षेत्र से, जिसका प्रतिनिधित्व उनके पिता ने कई बार किया है। लोन ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा, "इस बार लड़ाई बहुत कठिन है, क्योंकि कई प्रॉक्सी बीजेपी की मदद करने के लिए आगे आए हैं।"
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