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Hindi News जम्मू और कश्मीर जम्मू-कश्मीर पुलिस ऐसे शत्रु से लड़ती है, जिसे बाहर से समर्थन मिलता है: विशेष डीजीपी

जम्मू-कश्मीर पुलिस ऐसे शत्रु से लड़ती है, जिसे बाहर से समर्थन मिलता है: विशेष डीजीपी

विशेष डीजीपी ने कहा कि ऐसी लड़ाइयों को लड़ने के लिए बेहद ही साहस, अनुभव और आत्मविश्वास की जरुरत होती है क्योंकि यह लड़ाई भीतर के कुछ लोगों के खिलाफ होती है।

Jammu and Kashmir - India TV Hindi Image Source : TWITTER विशेष डीजीपी, जम्मू-कश्मीर पुलिस

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर देश का एक अभिन्न अंग है। आजादी के बाद से ही यहां की सीमाओं की सुरक्षा व्यवस्था और आंतरिक शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए सरकार को अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ती है। यहां के ज्यादातर इलाकों में सालभर सेना की विभिन्न टुकडियां तैनात रहती हैं। पाकिस्तान की शह पर पलने वाले चंद लोग यहां की शांति व्यवस्था को बिगाड़ने के मंसूबे पाले रहते हैं। इसने निबटने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान हर समय मुस्तैद रहते हैं। इसी विषय पर जम्मू-कश्मीर में विशेष पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आर आर स्वैन ने सोमवार को कहा कि केंद्रशासित प्रदेश की पुलिस एक ऐसा अनूठा बल है, जो ऐसे शत्रु से लड़ता है, जिसे बाहर से शह मिलती है और जो भीतर अपनी जड़ें जमाने की कोशिश करता है। 

विशेष डीजीपी ने महात्मा गांधी के अहिंसा के विचार का जिक्र करते हुए कहा कि अहिंसा की स्थिति "अहिंसक लोगों को हिंसक लोगों से बचाकर ही हासिल की जा सकती है।" स्वैन ने यहां डल झील के तट पर पुलिस द्वारा आयोजित मैराथन दौड़ के समापन के बाद कहा, "जम्मू-कश्मीर पुलिस एक अद्वितीय बल है क्योंकि यह एक ऐसे दुश्मन से मुकाबला कर रहा है जो बहुत संगठित है, जिसे बाहर से ताकत प्राप्त हो रही है और जो आंतरिक रूप से खुद को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। जम्मू-कश्मीर पुलिस लोगों के समर्थन से और उनके लिए इस दुश्मन से लड़ रही है।"

'ऐसी लड़ाई लड़ने के लिए बहुत साहस की जरूरत'

स्वैन ने कहा कि ऐसी लड़ाई लड़ने के लिए बहुत साहस की जरूरत होती है क्योंकि यह लड़ाई भीतर के कुछ लोगों के खिलाफ होती है। उन्होंने कहा, "इसके लिए बहुत साहस की जरूरत होती है। अन्य बलों को इसका सामना नहीं करना पड़ता। अन्य बलों के पास कौशल, अनुभव और ज्ञान है लेकिन हमारी कठिनाइयों और उनकी कठिनाइयों में कई अंतर हैं। हमारी लड़ाई का सबसे बड़ा प्रयास लोगों में भय कम करना है।" 

'तमाम कठिनाइयों के बावजूद पुलिस यह लड़ाई चुपचाप लड़ती है पुलिस'

उन्होंने कहा, "इसलिए, तमाम कठिनाइयों के बावजूद पुलिस यह लड़ाई चुपचाप लड़ती है वह समाज के उस वर्ग को ध्यान में रखते हुए यह लड़ाई लड़ती है, जिसकी बात नहीं सुनी जाती- चाहे वह गरीब दुकानदार हो, निम्न रैंकिंग वाला सरकारी कर्मचारी हो, वकील हो या पत्रकार हो।" स्वैन ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस उन सभी लोगों के साथ खड़ी रहेगी जो कानून का पालन करके ईमानदारी से आजीविका कमाना चाहते हैं और घाटी के विकास में अपना योगदान देना चाहते हैं।