जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024: बसोहली में किसकी होगी जीत, कौन होगा मायूस, जानें सियासी समीकरण
बसोहली विधानसभा सीट अनारक्षित है और यहां तीसरे चरण में मतदान होना है। तीसरे चरण के लिए गजट नोटिफिकेशन पांच सितंबर को जारी किया जाएगा। नामांकन की आखिरी तारीख 12 सितंबर होगी।
जम्मू कश्मीर की बसोहली विधानसभा सीट 2014 में भारतीय जनता पार्टी के खाते में गई थी, लेकिन 2024 में हालात अलग हैं। जम्मू कश्मीर में 2014 के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और इस दौरान घाटी के हालात काफी हद तक बदले हैं। जम्मू कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश बन चुका है और यहां से धारा 370 हट गई है। नया परीसीमन हुआ है और अरक्षित सीटें बदल गई हैं। कई पुरानी सीटों का अस्तित्व खत्म हो चुका है और नई सीटें बन गई हैं। ऐसे में बसोहली की लड़ाई भी रोचक बन गई है।
जम्मू कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर मतदान की तारीख का ऐलान हो चुका है। यहां तीन चरण में मतदान होना है। पहले चरण का मतदान 18 सितंबर, दूसरे चरण का 25 सितंबर तो तीसरे चरण का मतदान एक अक्टूबर को होना है। बसोहली विधानसभा सीट पर भी तीसरे चरण में वोटिंग होगी। जम्मू कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों में सात सीट एससी और नौ सीट एसटी के लिए आरक्षित हैं। राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 88,66,704 है। इनमें से 4,27,813 युवा मतदाता हैं, जिनकी उम्र 18 से 19 साल के बीच है। यहां मतदान के लिए 11838 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे।
बसोहली में कब होंगे मतदान
बसोहली विधानसभा सीट अनारक्षित है और यहां तीसरे चरण में मतदान होना है। तीसरे चरण के लिए गजट नोटिफिकेशन पांच सितंबर को जारी किया जाएगा। नामांकन की आखिरी तारीख 12 सितंबर होगी। 13 सितंबर को आवेदनों की छटनी की जाएगी और 17 सितंबर नाम वापस लेने की आखिरी तारीख होगी। एक अक्तूबर को मतदान होंगे और चार अक्तूबर को नतीजे जारी किए जाएंगे। चर्चा है कि निर्मल सिंह कठुआ की बिलावर सीट की बजाय बसोहली सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। ऐसा होने पर 2014 में जीत हासिल करने वाले लाल सिंह का टिकट कट सकता है।
2014 में बीजेपी को मिली थी जीत
भारतीय जनता पार्टी ने 2014 में इस सीट पर जीत हासिल की थी। तब इस सीट पर 73.84 फीसदी मतदान हुआ था। बीजेपी के लाल सिंह ने जम्मू कश्मीर राष्ट्रीय पार्टी के दविंदर सिंह को 17804 वोट के अंतर से हराया था। लाल सिंह को 29808 वोट मिले थे। वहीं दविंदर सिंह को सिर्फ 12007 वोट मिले थे। इस बार बीजेपी के खिलाफ कश्मीर में लहर है और क्षेत्रीय पार्टियों को ज्यादा समर्थन मिल रहा है, लेकिन इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी पिछला प्रदर्शन दोहराते हुए फिर जीत हासिल कर सकती है।
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