जम्मू कश्मीर की अनंतनाग विधानसभा सीट राज्य की वीआईपी सीटों में से एक है। यहां 2014 में पीडीपी उम्मीदवार की जीत हुई थी, लेकिन इस बार इंडिया गठबंधन की स्थिति मजबूत है। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन ने यहां इंडिया गठबंधन की स्थिति मजबूत की है। चर्चा है कि पीडीपी भी इंडिया गठबंधन में शामिल हो सकती है। ऐसा होने पर इस सीट में इंडिया गठबंधन की जीत लगभग तय हो जाएगी।
नए परिसीमन और धारा 370 हटने से जम्मू कश्मीर के हालात बदले हैं, लेकिन आंकड़े इंडिया गठबंधन के पक्ष में दिख रहे हैं। जम्मू कश्मीर में 2014 के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और इस दौरान घाटी के हालात काफी हद तक बदले हैं। जम्मू कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश बन चुका है और यहां से धारा 370 हट गई है। नया परीसीमन हुआ है और अरक्षित सीटें बदल गई हैं। कई पुरानी सीटों का अस्तित्व खत्म हो चुका है और नई सीटें बन गई हैं। ऐसे में सभी पार्टियों के सामने मुश्किल चुनौती है।
जम्मू कश्मीर में तीन चरण में मतदान
जम्मू कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर मतदान की तारीख का ऐलान हो चुका है। यहां तीन चरण में मतदान होना है। पहले चरण का मतदान 18 सितंबर, दूसरे चरण का 25 सितंबर तो तीसरे चरण का मतदान एक अक्टूबर को होना है। अनंतनाग विधानसभा सीट पर पहले चरण में वोटिंग होगी। जम्मू कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों में सात सीट एससी और नौ सीट एसटी के लिए आरक्षित हैं। राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 88,66,704 है। इनमें से 4,27,813 युवा मतदाता हैं, जिनकी उम्र 18 से 19 साल के बीच है। यहां मतदान के लिए 11838 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे।
अनंतनाग में कब होंगे मतदान
अनंतनाग विधानसभा सीट अनारक्षित है और यहां पहले चरण में मतदान होना है। पहले चरण के लिए गजट नोटिफिकेशन 20 अगस्त को चुनाव के ऐलान के साथ ही जारी किया जा चुका है। नामांकन की आखिरी तारीख 27 अगस्त होगी। 28 अगस्त को आवेदनों की छटनी की जाएगी और 30 अगस्त नाम वापस लेने की आखिरी तारीख होगी। 18 सितंबर को मतदान होंगे और चार अक्तूबर को नतीजे जारी किए जाएंगे। छह अक्तूबर तक चुनाव पूरा हो जाएगा।
2014 में पीडीपी को मिली थी जीत
2014 में इस सीट पर आखिरी बार चुनाव हुए थे और पीडीपी ने कांग्रेस उम्मीदवार को हराया था। इस सीट पर आखिरी चुनाव में सिर्फ 39.31 फीसदी मतदान हुआ था। पीडीपी के मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कांग्रेस के हिलाल अहमद शाह को हराया था। मुफ्ती मोहम्मद सईद को 16983 वोट मिले थे, जबकि हिलाल अहमद शाह को 10955 वोट मिले थे। 6028 वोट के अंतर से मुफ्ती मोहम्मद सईद को जीत मिली थी। खास बात यह है कि इस बार दोनों पार्टियां गठबंधन में साथ हो सकती हैं। ऐसे में जिस भी दल के नेता को टिकट मिलता है, उसे एकतरफा जीत मिल सकती है।
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