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जम्मू-कश्मीर: विधानसभा चुनावों में हिस्सा लेने को इच्छुक है जमात-ए-इस्लामी, रखी ये शर्त

जम्मू-कश्मीर: प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी विधानसभा चुनावों में हिस्सा लेने को इच्छुक है। पार्टी के पूर्व अध्यश्र गुलाम कादिर वानी का कहना है कि अगर सरकार प्रतिबंध हटा दे तो पार्टी अवश्य चुनावों में हिस्सा लेगी।

जमात-ए-इस्लामी के पूर्व चीफ गुलाम कादिर वानी - India TV Hindi Image Source : INDIA TV जमात-ए-इस्लामी के पूर्व चीफ गुलाम कादिर वानी

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के आसार के बीच प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के पूर्व चीफ गुलाम कादिर वानी का एक बड़ा बयान सामने आया है। वानी ने कहा कि जमात-ए-इस्लामी आगामी विधानसभा चुनावों में भाग लेने का प्रयास करेगा बशर्ते केंद्र सरकार उस पर लगे प्रतिबंध को रद्द कर दे।

चुनाव बहिष्कार का आह्वान नहीं किया

गुलाम कादिर वानी ने कहा कि जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर हमेशा लोकतंत्र के विचार में विश्वास करता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके संगठन ने कभी भी लोगों से मतदान से दूर रहने के लिए कोई आह्वान नहीं किया। वानी ने कहा कि हमने कभी भी चुनाव बहिष्कार का आह्वान नहीं किया और न ही बंद का कोई आह्वान किया।

धारा 370 खत्म होने से माहौल बदला

बता दें कि धारा 370 खत्म होने के बाद से जम्मू-कश्मीर के माहौल में काफी बदलाव आया है। धारा 370 खत्म होने के बाद यहा पहला बड़ा चुनाव हो रहा है। इस चुनाव को लेकर यहां के लोगों में काफी उत्साह है।

खुलकर वोटिंग में लिया हिस्सा

जो लोग पहले कट्टरपंथी और अलगाववादी विचारधारा रखते थे वो भी अब लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के सदस्यों ने भी वोटिंग में खुलकर हिस्सा लिया और वोट डाला। पिछले तीन दशक में यह पहला चुनाव रहा जिसमें किसी तरह की हिंसा नहीं हुई।

लोकतंत्र पर भरोसा

जमात-ए-इस्लामी के पूर्व चीफ गुलाम कादिर वानी ने कहा कि वे लोकतंत्र पर भरोसा रखते हैं और उन्होंने कभी भी जनता से चुनाव बहिष्कार करने का आह्वान नहीं किया। उन्होंने कहा कि अगर आनेवाले वक्त में केंद्र सरकार प्रतिबंध हटाती है तो जमात-ए-इस्लामी भी चुनाव लड़ेगी। वानी ने पुलवामा के गुसु में स्थित एक मतदान केंद्र में अपना वोट डाला था।

समाज में एकजुटता जरूरी

वानी ने कहा कि चुनाव में वोट का इस्तेमाल कर लोगों ने लोकतांत्रिक प्रकिया में दिलचस्पी लेना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि समाज में एकजुटता हो और किसी का भी हक नहीं मारा जाए। उन्होंने दावा किया कि मतदान प्रक्रिया में जमात-ए-इस्लामी  के करीब 80 फीसदी सदस्यों ने वोटिंग की।