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Hindi News जम्मू और कश्मीर कौन हैं IPS नलिन प्रभात? जिन्हें बनाया जम्मू-कश्मीर का नया डीजीपी

कौन हैं IPS नलिन प्रभात? जिन्हें बनाया जम्मू-कश्मीर का नया डीजीपी

1992 के आईपीएस अधिकारी नलिन प्रभात को 30 सितंबर 2024 तक विशेष महानिदेशक (एसडीजी) के रूप में तैनात किया गया है। वह एक अक्टूबर से जम्मू और कश्मीर के डीजीपी के रूप में कार्यभार संभालेंगे।

आईपीएस अधिकारी नलिन प्रभात- India TV Hindi Image Source : FILE आईपीएस अधिकारी नलिन प्रभात

श्रीनगरः सीनियर आईपीएस अधिकारी नलिन प्रभात को जम्मू-कश्मीर का नया डीजीपी बनाया गया है। जानकारी के अनुसार, 1992 के आईपीएस अधिकारी नलिन प्रभात को 30 सितंबर 2024 तक विशेष महानिदेशक (एसडीजी)के रूप में तैनात किया गया है। वह जम्मू-कश्मीर पुलिस की देखरेख करने वाले विशेष महानिदेशक के रूप में काम करेंगे। वह एक अक्टूबर से जम्मू और कश्मीर के डीजीपी के रूप में कार्यभार संभालेंगे।

कौन हैं नलिन प्रभात

सीनियर पुलिस अधिकारी नलिन प्रभात 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। नलिन प्रभात का जन्म 1968 में हिमाचल प्रदेश के मनाली के थुंगरी गांव में हुआ था। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से बी.ए. (ऑनर्स) और एम.ए. में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। वह आंध्र प्रदेश से प्रतिनियुक्ति पर एजीएमयूटी कैडर में शामिल हुए हैं। नलिन प्रभात वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के महानिदेशक (डीजी) हैं। नलिन प्रभात का कार्यकाल एजीएमयूटी कैडर में शामिल होने की तारीख से तीन साल की अवधि के लिए या अगले आदेश तक रहेगा।

जम्मू-कश्मीर के लिए नए नहीं है नलिन प्रभात 

गृह मंत्रालय के आदेश में यह भी कहा गया है कि आईपीएस अधिकारी नलिन प्रभात को एनएसजी महानिदेशक के पद से तुरंत मुक्त किया जाता ताकि वह एजीएमयूटी कैडर में शामिल हो सकें। उन्होंने आंध्र प्रदेश और केंद्र सरकार में कई पदों पर कार्य किया है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ के अतिरिक्त महानिदेशक के साथ-साथ सीआरपीएफ आईजीपी के रूप में भी कार्य किया है। जम्मू-कश्मीर के लिए नलिन प्रभात नए नहीं है। प्रदेश में कानून-व्यवस्था और आतंकवाद से निपटने का उनका लंबा अनुभव रहा है। 

नलिन प्रभात को मिल चुके हैं कई पदक

नलिन प्रभात को कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है। उन्हें तीन बार वीरता के लिए पुलिस पदक, पराक्रम पदक, सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक, विशिष्ट सेवा के लिए पुलिस पदक, आंतरिक सुरक्षा पदक  (जम्मू-कश्मीर) से सम्मानित किया जा चुका है।