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Hindi News जम्मू और कश्मीर पथराव करने वाले आतंकवादियों या उनके परिजनों को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी, अमित शाह ने दी सख्त चेतावनी

पथराव करने वाले आतंकवादियों या उनके परिजनों को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी, अमित शाह ने दी सख्त चेतावनी

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार के प्रयास लगातार जारी हैं। इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवादियों और पत्थरबाजी करने वालों को सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी करने वाले या उनके परिजनों को किसी भी सरकारी नौकरी का लाभ नहीं मिलेगा।

अमित शाह ने पत्थरबाजों को दी कड़ी चेतावनी।- India TV Hindi Image Source : PTI/FILE अमित शाह ने पत्थरबाजों को दी कड़ी चेतावनी।

श्रीनगर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि जम्मू कश्मीर में किसी आतंकवादी या पथराव करने वाले किसी व्यक्ति के परिजनों को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। अमित शाह ने यह भी कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने न केवल आतंकवादियों को निशाना बनाया है, बल्कि आतंकी ढांचे को भी समाप्त कर दिया है जिससे देश में आतंकी घटनाओं में काफी कमी आई है। उन्होंने बीते सप्ताह एक इंटरव्यू में कहा कि ‘‘हमने कश्मीर में फैसला किया है कि अगर कोई किसी आतंकवादी संगठन से जुड़ जाता है तो उसके परिवार के सदस्यों को कोई सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी।’’ शाह ने यह भी कहा कि अगर कोई पथराव में शामिल रहता है तो उसके परिवार के सदस्यों को भी कोई सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी।

आतंकियों के मारे जाने पर निकाला जाता था जनाजा

अपने इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा कि फैसले के खिलाफ मानवाधिकार कार्यकर्ता सुप्रीम कोर्ट में गए थे, लेकिन आखिरकार सरकार की जीत हुई। हालांकि, गृह मंत्री ने कहा कि सरकार ऐसे मामलों को अपवाद स्वरूप लेगी जब किसी परिवार से कोई व्यक्ति खुद आगे आकर अधिकारियों को सूचित करता है कि उसका कोई करीबी रिश्तेदार किसी आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे परिवारों को राहत दी जाएगी। शाह ने कहा कि पहले कश्मीर में किसी आतंकी के मारे जाने के बाद जनाजा निकाला जाता था। हमने यह परिपाटी बंद कर दी। हमने सुनिश्चित किया कि आतंकवादी को सभी धार्मिक रिवाजों के साथ सुपुर्दे खाक किया जाए लेकिन किसी निर्जन स्थान पर। 

आतंकी ढांचे को किया नेस्तानाबूद

गृह मंत्री ने कहा कि जब कोई आतंकवादी सुरक्षा बलों से घिरा होता है तो पहले उसे आत्मसमर्पण का अवसर दिया जाता है। हम उसकी मां या पत्नी आदि किसी परिजन को बुलाते हैं और उनसे कहते हैं कि आतंकवादी से आत्मसमर्पण की अपील करें। अगर वह (आतंकी) नहीं सुनता है तो मारा जाता है। गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद की घटनाओं में काफी गिरावट आई है क्योंकि सरकार ने न केवल आतंकवादियों को निशाना बनाया है बल्कि आतंकी ढांचे को भी नेस्तानाबूद कर दिया है। उन्होंने कहा कि ‘‘हमने एनआईए के माध्यम से आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ मजबूत कार्रवाई की है और इसे समाप्त कर दिया है। हमने आतंकवाद के वित्तपोषण पर बहुत सख्त रुख अपनाया है। (इनपुट- भाषा)

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