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जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के वीरान पड़े मंदिर-तीर्थस्थलों की प्रॉपर्टी को लेकर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला

हाई कोर्ट की इस आर्डर से पहले भी पिछले कहीं वर्षों में कश्मीर में 200 से अधिक ऐसे मंदिरों को रिनोवेट किया जा चुका है जो 1990 के दशक से आतंकवाद के चलते खंड रात बन चुके थे। इसके अलावा सरकार ने कहीं एंक्रोचमेंट और नाजायज कब्जे की प्रॉपर्टी को भी वापस हासिल कर लिया है।

कश्मीरी पंडितों के मंदिर और तीर्थस्थलों की प्रॉपर्टी - India TV Hindi Image Source : INDIA TV कश्मीरी पंडित का वीरान पड़ा मंदिर

श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के मंदिर और तीर्थस्थलों की प्रॉपर्टी को लेकर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कोर्ट ने अतिक्रमण की गई या हड़पी गई संपत्ति वापस लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट आदेश के अनुसार, संबंधित जिला मजिस्ट्रेटों के माध्यम से लावारिस कश्मीरी पंडित के मंदिरों की सुरक्षा का जिम्मा अपने हाथ में ले लिया है। हाई कोर्ट के इस फैसले का कश्मीरी पंडितों ने स्वागत किया है। लोगों ने कहा कि तो कश्मीर की खोई हुई तस्वीर और पहचान दोबारा वापस आएगी।

कश्मीरी पंडितों ने की कोर्ट की तारीफ

इंडिया टीवी से बात करते हुए कश्मीरी पंडितों ने हाईकोर्ट के फैसले की सराहना करते कहा हुए कहा कि वक्त और हालात में दिख रही बैटरी को देखकर यह बहुत अच्छा कदम उठाया गया है क्योंकि 1990 में कश्मीरी पंडित अपना सब कुछ छोड़-छाड़ कर चले गए। लेकिन आज कश्मीर में वह दौर नहीं है। हालात बदल गए हैं।

 कश्मीरी पंडितों ने कहा कि अमन और सुकून वापस लौटने लगा है और सरकार अगर इस तरह के फैसले लेती है तो यह एक अच्छा कदम होगा क्योंकि कश्मीर हमेशा भाईचारे की मिसाल का प्रतीक रहा है। अगर ऐसे फसलों को जमीन पर इंप्लीमेंट किया जाएगा तो वह दिन दूर नहीं जब कश्मीर की 1990 के दशक से पहले की खोई हुई तस्वीर और कश्मीर की पहचान दोबारा वापस लौटाएगी।

कश्मीरी पंडितों को छोड़ना पड़ा था घर

दरअसल, 1990 के दशक में आतंकवाद का दौर शुरू होते ही लाखों कश्मीरी पंडित अपना घर बार और अपनी जमीन छोड़कर चले गए। सुबह-शाम मंदिरों में बजने वाली घंटियां भी खामोश हो गई और फिर वक्त गुजारने के साथ-साथ कश्मीरी पंडितों की संपत्ति और मंदिर भी खंदरात में तब्दील हो गए।

गणेश मंदिर में 1989 तक होती थी पूजा

बता दें कि श्रीनगर शहर के बीचो-बीच स्थित कश्मीरी पंडितों की आस्था और श्रद्धा का प्रतीक गणेश मंदिर की जहां 1989 तक सुबह और शाम पूजा अर्चना से पूरा शहर गूंज उठता था। आज यह वीरान है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि ऐसे मंदिरों को फिर से प्रोटेक्ट करने के लिए लद्दाख और जम्मू कश्मीर कोर्ट की तरफ से एक बड़ा आदेश जारी हुआ है।

कोर्ट ऑर्डर के मुताबिक अनंतनाथ के दो मंदिर और श्रीनगर के इस गणेश मंदिर को फिर से प्रोटेक्ट करने के आदेश जारी हुए हैं। इतना ही नहीं 1990 के दशक में मंदिर तीर्थ सतल और कश्मीरी पंडितों की प्रॉपर्टी जिसमें एंक्रोचमेंट या जबरन कब्जा किया गया हो, उसे वापस लाने के आदेश भी जारी हुए हैं।